आधी अधूरी व्यवस्था का दंश झेल रहे हैं मजदूर
संवाद सहयोगी इटखोरी कोरोना वायरस के इस संकट काल में प्रशासन के समक्ष समस्याओं का पहाड़
संवाद सहयोगी, इटखोरी: कोरोना वायरस के इस संकट काल में प्रशासन के समक्ष समस्याओं का पहाड़ अब धीरे-धीरे बड़ा होने लगा है। प्रवासी मजदूरों की घर वापसी ने प्रशासन के समक्ष अलग-अलग तरह की चुनौतियां खड़ी करनी शुरू कर दी है। हालांकि प्रशासन के द्वारा पूरा प्रयास किया जा रहा है कि बाहर से आ रहे प्रवासी मजदूरों को ज्यादा से ज्यादा सुविधाएं दी जाए। लेकिन समस्याएं इतनी अधिक सामने आ रही है कि सारी सुविधाएं आधी अधूरी साबित हो रही हैं। जिसका खामियाजा प्रवासी मजदूरों को ही उठाना पड़ रहा है। क्वारंटाइन सेंटर में जाने से पहले प्रवासी मजदूर सबसे पहले जांच के लिए यहां के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में पहुंच रहे हैं। वहां भी प्रवासी मजदूरों को आधी अधूरी सुविधाओं का दंश झेलना पड़ रहा है। मई माह की इस चिलचिलाती धूप में जांच के लिए मजदूरों को घंटों खड़ा होना पड़ रहा है। हालांकि हो हंगामा होने के बाद स्थानीय प्रशासन के द्वारा अस्पताल परिसर में छांव के लिए दो शामियाने लगाए गए हैं। लेकिन मजदूरों की भीड़ के समक्ष शामियाने छोटे पड़ गए हैं। रविवार को यहां आने वाले प्रवासी मजदूरों की संख्या इतनी अधिक थी कि जांच के लिए लगाई गई मजदूरों की लाइन अस्पताल परिसर से बाहर निकलकर सड़क तक पहुंच गई थी। मजदूरों का कहना है कि तरह तरह की परेशानियों को झेल कर मजदूर किसी तरह अपने घर गांव पहुंचे हैं। अब यहां भी सुविधाओं का अभाव उन्हें झेलना पड़ रहा है।