पंचतत्व में विलीन हुए जाबांज फौजी सहेंद्र
सिमरिया : प्रखंड के पगार निवासी जांबाज फौजी सहेंद्र प्रसाद शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए।
सिमरिया : प्रखंड के पगार निवासी जांबाज फौजी सहेंद्र प्रसाद शनिवार को पंचतत्व में विलीन हो गए। उनके पिता मोहन साहू ने नम आंखों से अपने कलेजे के टुकड़े को मुखाग्नि दी। इस दौरान उपस्थित ग्रामीणों की आंखें भर आई। भारत माता की जय और वंदे मातरम के घोष से माहौल गूंज उठा। मुखाग्नि के पूर्व उनके पार्थिव शरीर के साथ पहुंचे आर्मी के जवानों ने उन्हें पुष्पांजलि अर्पित की तथा रिच परेड के साथ उन्हें अंतिम सलामी दी। आर्मी के जवानों ने भरे गले के साथ कहा कि जवान हमारे भाई की तरह था। उसने उड़ी सेक्टर में कई सफल लड़ाइयां लड़ीं। उनकी मौत बटालियन के लिए बड़ी क्षति है। फौजी की अंतिम यात्रा में पूरा गांव उमड़ आया। क्षेत्र के राजनीतिक कार्यकर्ता, समाज सेवी, बुद्धिजीवी आदि भी शामिल हुए।
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आठ आरआर बटालियन के जवान थे सहेंद्र
फौजी सहेंद्र प्रसाद आर्मी के विशिष्ट कोर आठ आरआर बटालियन के जवान थे। वर्तमान में वे जम्मू कश्मीर के उरी सेक्टर में गनर ड्राइवर के पद पर तैनात थे। उन्होंने 19 जून 2013 को आर्मी ज्वाइन किया था। वे एक माह के आकस्मिक अवकाश पर अपने पैतृक गांव पगार आए हुए थे। वहां 22 मार्च की रात उनकी सड़क दुर्घटना में मौत हो गई।
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पगार से नहीं निकलेगी झांकी
गांव के एक जांबाज फौजी की सड़क दुर्घटना में हुई मौत के बाद रामनवमी पर गांव से निकलने वाली झांकी को स्थगित कर दिया गया है। पूजा समिति के सदस्यों ने बताया कि फौजी समिति का एक सक्रिय कार्यकर्ता तथा देश का बहादुर सैनिक था। उनकी मौत से पूरा गांव शोक संतप्त है, इस कारण झांकी प्रदर्शन का कार्य स्थगित कर दिया गया है।