समाज में सिखों का योगदान अतुलनीय : उपायुक्त
समाज में सिखों का योगदान अतुलनीय है। खासकर वैश्विक महामारी को
संवाद सूत्र,हंटरगंज(चतरा): समाज में सिखों का योगदान अतुलनीय है। खासकर वैश्विक महामारी कोविड 19 से मुकाबले में सिखों ने यह साबित कर दिखाया है। उकत बातें स्थानीय उपायुक्त दिव्यांशु झा ने कही। वे डुमरीकलां गुरुद्वारे में सोमवार को आयोजित आम दीवान के दौरान बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे। इसके अलावा उन्होंने केदलीकलां गुरुद्वारे के गुरु नानक देव प्रकाशोत्सव समारोह में भी भाग लिया। उन्होंने कहा कि सिखों से समाज सदैव सहयोग की अपेक्षा करता है। चतरा जिले में भी आपका सामाजिक योगदान काबिल- ए- तारीफ है। हम भविष्य में भी आपसे सहयोग की अपेक्षा रखते हैं। दोनों गुरुद्वारों में गुरुद्वारा प्रबंधन समितियों के पदधारियों ने उन्हें सरोपा भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम में उनके अलावा वरिष्ठ पत्रकार जितेंद्र कुमार, स्थानीय अंचल अधिकारी मिथिलेश कुमार, बीडीओ मनोज कुमार, थानेदार हंसे उरांव समेत कई गण्यमान्य लोग उपस्थित थे। उन्हें भी सम्मान स्वरूप सरोपा भेंट किया गया। बाद में अतिथियों ने पवित्र गुरुग्रंथ साहिब के समक्ष मत्था टेका, कड़ाह प्रसाद ग्रहण किया और लंगर छका। कार्यक्रम के दौरान दोनों गुरुद्वारे बोले सो निहाल सत सिरी अकाल के जयकारे से गूंजते रहे। उल्लेखनीय है कि पिछले तीन दिनों से दोनों गुरुद्वारों में गुरु नानक देव का 551 वां प्रकाशोत्सव बड़े धूमधाम से मनाया जा रहा है। सोमवार की देर रात गुरु नानक देव के प्रकाश के बाद उत्सव का समापन कर दिया जाएगा। फिलवक्त देर शाम तक गुरु का अटूट लंगर जारी था। लंगर में बड़ी संख्या में आसपास के लोग शामिल थे। कार्यक्रम में कारसेवकों की भूमिका सराहनीय थी। उनका सेवा भाव देखते बन रहा था। कार्यक्रम को सफल बनाने में केदलीकलां गुरुद्वारा प्रबंधक समिति के अध्यक्ष सरदार प्रताप सिंह, सचिव सरदार ज्ञान सिंह, उप सचिव शमशेर सिंह, सरदार सतपाल सिंह, सरदार बलवंत सिंह और डुमरीकलां गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के अध्यक्ष सरदार चंदन सिंह के अलावा सरदार प्रकाश सिंह, सरदार मंगल सिंह, मनोज सिंह और शमशेर सिंह मुख्य रूप से शामिल थे।
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उपायुक्त ने कार्यक्रम में सबको चौंकाया
संवाद सूत्र,हंटरगंज: स्थानीय उपायुक्त दिव्यांशु झा सोमवार को गुरु नानक देव के 551वें प्रकाशोत्सव समारोह में भाग लेने अचानक पहुंचकर सबको चौका दिए। यहां तक कि उनके आगमन की सूचना स्थानीय पदाधिकारियों और आयोजकों तक को नहीं थी। उपायुक्त ने अपने कार्यक्रम को औपचारिक बताया। उन्होंने कहा - अध्ययन काल से ही दिल्ली के गुरुद्वारों में जाता रहा हूं। सिखों का सामाजिक योगदान प्रारंभ से ही मुझे आकर्षित करता रहा है। कोरोना संकट के समय केदलीकलां और डुमरीकलां के सिखों का भी सराहनीय योगदान रहा है। उल्लेखनीय है कि कोरोना संकट के मद्देनजर ऐतिहात बरतते हुए कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। लिहाजा महत्वपूर्ण हस्तियों को आमंत्रित नहीं किया गया था। ऐसे में उपायुक्त के भाग लेने की उम्मीद नहीं थी। स्थानीय बुद्धिजीवियों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना कि सामाजिक गतिविधियों में उपायुक्त की ऐसी भागीदारी काबिल- ए- तारीफ है। इससे सामाजिक कार्य के प्रति उत्साह वर्धन होगा।