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गोसाईडीह में झड़प के बाद तनाव, तीन जख्मी, दुकानें बंद

बिहार सीमा पर अवस्थित गोसाईडीह गांव में शुक्रवार शाम सात ब

By JagranEdited By: Published: Sat, 24 Oct 2020 07:56 PM (IST)Updated: Sat, 24 Oct 2020 07:56 PM (IST)
गोसाईडीह में झड़प के बाद तनाव, तीन जख्मी, दुकानें बंद
गोसाईडीह में झड़प के बाद तनाव, तीन जख्मी, दुकानें बंद

संवाद सूत्र, हंटरगंज(चतरा) : बिहार सीमा पर अवस्थित गोसाईडीह गांव में शुक्रवार शाम सात बजे गुटीय झड़प के बाद तनाव उत्पन्न हो गया। वारदात में तीन ग्रामीण घायल हो गए। घटना के विरोध में स्थानीय लोगों ने शनिवार सुबह से करीब चार घंटे तक अपनी दुकानें बंद रखीं। पुलिस हस्तक्षेप के बाद स्थिति नियंत्रण में है। इस घटना के सिलसिले में चार लोगों के विरुद्ध संबंधित हंटरगंज थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। घटनास्थल पर पता चला कि बिहार के डोभी थाने के रानीचक मंजरी गांव के कुछ लोग शराब के नशे में धुत गोसाईडीह से गुजर रहे थे। उसी क्रम में उनलोगों ने स्थानीय लोगों के साथ अभद्र व्यवहार किया। प्रतिकार किये जाने के बाद स्थानीय लोगों के साथ अभद्र व्यवहार करने वालों की कहासुनी और हल्की मारपीट हो गई। इसके बाद नशे धुत लोग वहां से चले गए। थोड़ी देर बाद फिर रानीचक मंजरी के लोग अन्य ग्रामीणों के साथ वह आ धमके और हंगामा शुरू कर दिया। इस दौरान दोनों पक्षों से जमकर पत्थरबाजी और मारपीट हुई। मारपीट में गोसाईडीह के भूपेंद्र सिंह, टुनटुन कुमार और विनय सिंह घायल हो गए। घायलों का इलाज प्रखंड सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, हंटरगंज में कराया गया। हंटरगंज के थानेदार हंसे उरांव ने बताया कि डोभी थाने के रानीचक मंजरी गांव निवासी मुनारिक यादव, भूषण यादव, रामू यादव (सभी पिता कैलु यादव), केशो यादव (पिता जीतु यादव), सत्येंद्र यादव (पिता उमेश यादव) समेत आठ लोगों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कराई गई है। उन पर हत्या की नीयत से हमला करने और गोसाईडीह के रंजीत कुमार चंद्रवंशी की किराना दुकान से चालीस हजार रुपये नकद, दो मोबाइल सेट और सोने की चेन लूट लेने का आरोप लगाया गया है। इधर, घटना के बाद स्थानीय लोगों ने बैठक बुलाई और वारदात के विरुद्ध दुकानें बंद रखने का फैसला किया। इसी के आलोक में शनिवार सुबह से करीब चार घंटे तक दुकानें बंद रखी गईं। स्थानीय लोगों का कहना है कि गोसाईडीह में पडो़सी राज्य, खासकर रानीचक के शराबियों की हुड़दंग शुरू हो जाती है। इससे शरीफों का जीना मुहाल हो गया है। ऐसे में जान-माल, इज्जत का खतरा और तनाव बना रहता है। दहशत के साये में यहां के लोग जीने को विवश हैं। उनकी मांग थी कि पुलिस गश्त बढ़ाकर वैसे तत्वों पर अंकुश लगाया जाये। पुलिस की ओर से सुरक्षा का आश्वासन दिये जाने के बाद दुकानें खुल गई और तनाव पर काबू पा लिया गया है।

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