विवेकानंद के आदर्शों पर चलने का बच्चों ने लिया संकल्प
रुको जब तक तुम्हे अपने लक्ष्य की प्राप्ति न हो सके। वक्ताओं ने सभी बच्चों को स्वामी विवेकानंद के आदर्शो पर चलने की बजाय कही। वही बच्चों ने भी स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। उसके बाद नन्हे मुन्हे बच्चों द्वारा नाट्य, गीत-संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं क्विज प्रतियोगिता का भी आयोजन किया गया।
चतरा : शहर के विभिन्न स्कूलों एवं शिक्षण संस्थानों में शनिवार को स्वामी विवेकानंद की 156वीं जयंती धूमधाम से मनाई गई। कहीं सांस्कृतिक कार्यक्रम तो कहीं संगोष्ठी एवं कहीं खेलकूद प्रतियोगिता आयोजित की गई। इससे पूर्व संस्थानों में कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित कर किया गया। वक्ताओं ने उपस्थित छात्र-छात्राओं को संबोधित करते हुए कहा कि आज युवाओं का भारत दुनिया में सबसे बड़ा देश माना जाता है। अगर युवा स्वामी विवेकानंद के बताए मार्गो पर चलें, तो भारत आज भी विश्वगुरु के पद पर सुशोभित हो सकता है। वक्ताओं ने बताया कि विवेकानंद भारतीय दर्शन संस्कृति तथा सनातन धर्म के प्रतीक थे। उन्होंने युवा वर्ग में सन 1893 ई में शिकागो के विश्व धर्म सम्मेलन में भारत का प्रतिनिधित्व कर संपूर्ण विश्व मे धर्म तथा संस्कृति का लोहा मनवाया। कहा कि युवा देश की शक्ति हैं। युवाओं से समाज को ऊर्जा मिलती है। आज देश के समक्ष असंख्य समस्याएं हैं, जिन्हें युवा ही सुलझा सकते हैं। वक्ताओं ने आगे कहा कि विवेकानंद से प्रेरणा लेकर विद्यार्थियों को चरित्र निर्माण करना चाहिए। क्योंकि महापुरुषों के चरित्र से हम सबकुछ सीख सकते हैं। विवेकानंद जी ने कहा था उठो जागो और तब तक मत रुको जब तक तुम्हे अपने लक्ष्य की प्राप्ति न हो सके। वक्ताओं ने सभी बच्चों को स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलने की बजाय कही। वही बच्चों ने भी स्वामी विवेकानंद के आदर्शों पर चलने का संकल्प लिया। उसके बाद नन्हें मुन्ने बच्चों द्वारा नाट्य, गीत-संगीत, सांस्कृतिक कार्यक्रम एवं क्विज का भी आयोजन किया गया। प्रतियोगिता में बेहतर करने वाले छात्र-छात्राओं को स्कूल प्रबंधन समिति एवं प्रधानाध्यापकों द्वारा सील्ड, मेडल व प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित भी किया। कार्यक्रम आयोजित करने वाले स्कूलों में रामेश्वरलाल खंडेलवाल विद्या मंदिर, इंदुमती टिबड़ेवाल सरस्वती विद्या मंदिर, विवेकानंद आदर्श विद्यालय, इंदिरा गांधी आवासीय विद्यालय, शांति निकेतन एंड मठ, डीएवी, विद्या निकेतन, प्लस टू उच्च विद्यालय, बालिका उच्च विद्यालय समेत शिक्षण संस्थानों का नाम शामिल है।