फाइल में धूल फांक रहा टमाटर प्रोसेसिग प्लांट
जागरण संवाददाता चतरा स्थानीय स्तर पर बाजार की अनुपलब्धता के कारण हर साल लाखों रुपये काजागरण संवाददाता चतरा स्थानीय स्तर पर बाजार की अनुपलब्धता के कारण हर साल लाखों रुपये का जागरण संवाददाता चतरा स्थानीय स्तर पर बाजार की अनुपलब्धता के कारण हर साल लाखों रुपये का जागरण संवाददाता चतरा स्थानीय स्तर पर बाजार की अनुपलब्धता के कारण हर साल लाखों रुपये का जागरण संवाददाता चतरा स्थानीय स्तर पर बाजार की अनुपलब्धता के कारण हर साल लाखों रुपये का।
जागरण संवाददाता, चतरा : स्थानीय स्तर पर बाजार की अनुपलब्धता के कारण हर साल लाखों रुपये का टमाटर खेतों में सड़ जाते हैं। किसान टमाटरों को तोड़ते ही नहीं है। दरअसल स्थानीय स्तर पर बाजार नही रहने के कारण जैसे टमाटर का उत्पादन अधिक होता है, खरीदारों की भीड़ जाती है। व्यवसायी नजदीकी जिलों से टमाटर का कारोबार शुरू कर देते हैं। ऐसे में किसान बेहाल हो जाते हैं। सितंबर से लेकर नवंतर तक यहां के टमाटर की मांग बहुत अधिक होती है। लेकिन दिसंबर से मांग घटने लगती है। चूंकि दूसरे स्थानों पर उत्पादन बढ़ जाता है। टमाटर आधारित यहां पर किसी प्रकार का कोई प्लांट नहीं है। हालांकि 2017 में डीएमएफटी के फंड से टमाटर प्रोसेसिग प्लांट का प्रस्ताव लिया गया था। इसके लिए सिमरिया प्रखंड के पीरी गांव में भूमि का चयन किया गया है। हालांकि अब तक काम प्रारंभ नहीं हो सका। किसान प्लांट का बेसब्री से इंतजार कर रहे। टमाटर प्रोसेसिग प्लांट का प्रस्ताव फाइल में धूल फांक रहा है। टमाटर प्रोसेसिग प्लांट की स्थापना होने से यहां के किसानों को काफी लाभ होता और उनकी आर्थिक स्थिति बेहतर हो जाती। जिले में सिमरिया प्रखंड के अलावा दूसरे प्रखंडों में बहुतायत मात्रा में टमाटर का उत्पादन होता है। किसान सालों भर टमाटर की खेती करते हैं। किंतु उनके उत्पादन का उचित मूल्य उन्हें प्राप्त नहीं हो पाता। दरअसल किसानों के खून पसीने से उगाए गए टमाटर से बिचौलिए मालामाल होते हैं। बिचौलिए सीधे किसानों के खेतों तक पहुंचते हैं और उनसे ओने-पौने कीमत पर टमाटर खरीद लेते हैं फिर उन्हें देश और विदेश के विभिन्न मंडियों में भेजकर खूब कमाई करते हैं। प्रखंड के उन्नत किस्म के टमाटर नेपाल और बांग्लादेश के मंदिर तक की भेजे जाते हैं। कितु यह सारी खरीद-फरोख्त की कमाई बिचौलियों के हाथ लगता है और किसान बदहाल रहते हैं। कभी-कभार कीमतें गिरने पर टमाटर को खेतों में ही छोड़ दिया जाता है।
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क्या कहते हैं कृषक व मजदूर
टमाटर प्रोसेसिग प्लांट यहां के किसानों के लिए बेहद जरूरी है। प्लांट की स्थापना होने से किसानों को उनकी मेहनत का उचित मूल्य प्राप्त होगा। जागेश्वर महतो, किसान वर्षों से टमाटर प्रोसेसिग प्लांट की स्थापना की मांग कर रहे हैं। जनप्रतिनिधियों को इस ओर ध्यान देना चाहिए। यह प्लांट किसानों की आर्थिक दशा सुधारने में मददगार साबित होगा।
प्रमोद सिंह। टमाटर प्रोसेसिग प्लांट नहीं होने के कारण किसानों के द्वारा उत्पादित टमाटर का बेहतर उपयोग नहीं हो पा रहा है। उनके मेहनत की कमाई बिचौलिया लूट कर ले जा रहे हैं। इस प्लांट की स्थापना अति आवश्यक है।
नेमधारी महतो, किसान प्रखंड के किसान टमाटर की खेती में पारंगत है। किसान सालों भर बहुतायत मात्रा में टमाटर उगा रहे हैं। कितु प्रोसेसिग प्लांट नहीं होने के कारण उनकी मेहनत का वास्तविक फल उनको नहीं मिल पा रहा है।
लखन साहू, किसान