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अटलजी का आशीर्वाद और सगीर बन गए संस्कृताचार्य

हंटरगंज प्रखंड के सोहाद उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य मो. सगीर अंसारी की स्मृतियां पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी है। अटलजी के आशीर्वाद से ही वह संस्कृतज्ञ बन गए और अब शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का परचम लहरा रहे हैं। विद्यार्थी जीवन के दौरान अटलजी के आभारी सगीर उनका

By JagranEdited By: Published: Thu, 04 Oct 2018 06:26 PM (IST)Updated: Thu, 04 Oct 2018 06:26 PM (IST)
अटलजी का आशीर्वाद और सगीर बन गए संस्कृताचार्य
अटलजी का आशीर्वाद और सगीर बन गए संस्कृताचार्य

जुलकर नैन, चतरा : हंटरगंज प्रखंड के सोहाद उत्क्रमित मध्य विद्यालय के प्रभारी प्रधानाचार्य मो. सगीर अंसारी की स्मृतियां पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ी है। अटलजी के आशीर्वाद से ही वह संस्कृतज्ञ बन गए और अब शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्टता का परचम लहरा रहे हैं। विद्यार्थी जीवन के दौरान अटलजी के आभारी सगीर उनका संस्मरण सुनाते नहीं अघाते। वे कहते हैं कि उस समय स्नातकोत्तर में नामांकन के लिए ब्रिज कोर्स करना अनिवार्य था। मैं संस्कृत में स्नातकोत्तर करना चाहता था। मगर संभवत: मुस्लिम होने के कारण उनका नामांकन नहीं हो पा रहा था। स्काउट एंड गाइड से जुड़े होने के कारण उन्हें एक कार्यक्रम के दौरान अटल जी को गार्ड ऑफ ऑनर देने का मौका मिला। अटल जी के इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को भी बोलने का मौका मिला था। उसमें सगीर भी शामिल थे। सगीर ने अपने संबोधन में संस्कृत के कुछ स्लोक सुनाया था। उनके संबोधन से अटल जी काफी प्रभावित हुए। उन्हें गले से लगा लिया। कार्यक्रम के बाद मौका मिलने पर आयोजकों ने अटल जी को बताया कि किस तरह मुस्लिम होने के नाते उन्हें संस्कृत में ब्रिज कोर्स करने में कठिनाई हो रही है। नामांकन में अड़चन आ रही है। अटल जी ने तत्काल उनके नामांकन की अनुशंसा की और उन्हें दाखिला दिलाया। उनके इस आशीष से सगीर संस्कृत में स्नातकोत्तर की उपाधि हासिल की। वह संस्कृत आचार्य की पढ़ाई भी पूरी कर चुके हैं। संस्कृतज्ञ के रूप में हैं विख्यात सगीर की ख्याति क्षेत्र में संस्कृतज्ञ के रूप में है। लोग उनका काफी सम्मान करते हैं। इतना ही नहीं विभागीय कार्यों में सकारात्मक भूमिका के लिए वह हमेशा तत्पर रहते हैं। यही कारण है कि भारतीय प्रशासनिक सेवा के पांच वरीय उच्चाधिकारियों के हाथों सम्मानित किए जा चुके हैं। इस वर्ष अर्थात 2018 में झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग ने उन्हें शिक्षक के रूप में कर्मठता तथा सकारात्मक भूमिका के लिए विशेष रूप से सम्मानित किया है। विभाग के अपर सचिव सह निदेशक शैलेश कुमार चौरसिया ने उन्हें प्रशस्ति पत्र दिया है। 2017 में भी झारखंड सरकार के स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की ओर से राज्य स्तरीय शिक्षक समागम के दौरान सम्मानित किया गया था। इसी प्रकार 2015 में झारखंड राज्य स्थापना दिवस के मौके पर हाथ चतरा के तत्कालीन उपायुक्त अमित कुमार( भा प्र से) के हाथ वह विभागीय कार्य में उत्कृष्टता के लिए सम्मानित किए गए थे। छात्र जीवन से ही प्रतिभाशाली थे सगीर 1991 92 में गोरखपुर मंडल में प्रदेश स्तरीय एस्कॉर्ट एंड गाइड प्रतियोगिता में उन्होंने रतन सेन डिग्री कॉलेज बांसी सिद्धार्थ नगर उत्तर प्रदेश की ओर से प्रतिनिधित्व किया। इसमें उन्होंने प्रथम स्थान हासिल किया। उत्तर प्रदेश के तत्कालीन शिक्षा निदेशक ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देते हुए सम्मानित किया था। उत्तर प्रदेश के देवरिया जिला स्थित तूर पट्टी महुआवा में वर्ष 1987 में आयोजित सूर्य महोत्सव के दौरान उन्होंने वाद विवाद प्रतियोगिता में हिस्सा लिया था। इसमें उन्हें प्रथम स्थान हासिल हुआ था। भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी राजीव कुमार ने उन्हें प्रशस्ति पत्र देकर सम्मानित किया था। इस मौके पर देवरिया के जिलाधिकारी जगजीत ¨सह भी मौजूद थे।

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