रै¨कग में हुआ सुधार, 13वें से 9वें स्थान पर पहुंचा चतरा
जनसंवाद मामलों के निष्पादन में तेजी आई है। पिछले नौ-दस महीनों में यह पहला मौका है, जब रैं¨कग में अपेक्षित सुधार हुआ हो। एक समय तो ऐसा था कि चतरा जिला की रैं¨कग 22वें स्थान पर थी। लेकिन धीरे-धीरे स्थिति में सुधाई हुई और वर्तमान समय में 9वें स्थान पर आ गई है। जिस प्रकार की तेजी आई है, उससे यह कहा जा सकता है कि
जागरण संवाददाता, चतरा : जनसंवाद मामलों के निष्पादन में तेजी आई है। पिछले नौ-दस महीनों में यह पहला मौका है, जब रैं¨कग में अपेक्षित सुधार हुआ हो। एक समय तो ऐसा था कि चतरा जिला की रैं¨कग 22वें स्थान पर थी। लेकिन धीरे-धीरे स्थिति में सुधाई हुई और वर्तमान समय में 9वें स्थान पर आ गई है। जिस प्रकार की तेजी आई है, उससे यह कहा जा सकता है कि आने वाले पंद्रह से बीस दिनों में स्थिति में और सुधार होगी। बताते चलें कि विकास भवन अग्निकांड के बाद जनसंवाद के मामलों का निष्पादन में चतरा जिला की स्थिति बदतर होने लगी थी। चूंकि अग्निकांड में जिला कल्याण, जिला समाज कल्याण, पंचायती राज और सामाजिक सुरक्षा कार्यालय के सारे दस्तावेज जलकर नष्ट हो गए थे। जनसंवाद में आम तौर पर जिला कल्याण, समाज कल्याण और सामाजिक सुरक्षा से संबंधित अधिक मामले लंबित थे। परिणामस्वरूप उपर्युक्त विभागों के जनसंवाद के मामले लंबित होते गए। जिसके कारण जिले की रैं¨कग पिड़ने लगी। इसी बीच उपायुक्त संदीप ¨सह का यहां से स्थानांतरण हो गया। उनके स्थान पर जितेंद्र कुमार ¨सह को यहां का डीसी बनाया गया। नए उपायुक्त ने योगदान देने बाद जब जनसंवाद की समीक्षा की, तो आश्चर्य में डूब गए। उसी समय से उन्होंने रैं¨कग में सुधार को लेकर अधिकारियों के साथ प्रत्येक सप्ताह समीक्षा बैठक करने का निर्णय लिया। सुधार होने की दिशा में काम तेज ही हुआ था कि जिला कल्याण शाखा का घोटाला सामने आ गया। उसके कारण एक फिर रैं¨कग में गिरावट आने लगी। लेकिन डीसी ने अधिकारियों को प्रेरित करते रहे। जब से जनसंवाद कार्यक्रम की शुरूआत हुई है, तब से लेकर आज तक कुल 12048 शिकायतें दर्ज की गई है। जिसमें 10,089 का निष्पादन कर दिया गया है। शेष 1155 मामले लंबित हैं। इनमें से ढाई से तीन सौ तो ऐसे हैं, जिसकी शिकायत को कोई औचित्व ही नहीं है। उपायुक्त कहते हैं कि स्थिति संतोषजनक तो नहीं है, लेकिन रैं¨कग में अपेक्षित सुधार है। उनका कहना है कि वन टू थ्री में जिला को स्थापित करना है।