Move to Jagran APP

झारखंड में भूख से एक और महिला की मौत, चार दिन से नहीं मिला था खाना

महिला के बेटे गौतम मुसहर के अनुसार, उसने और उसकी मां ने पिछले चार दिनों से कुछ नहीं खाया था। डीसी ने इस मामले की जांच के आदेश दिए हैं।

By Sachin MishraEdited By: Published: Tue, 05 Jun 2018 10:27 AM (IST)Updated: Tue, 05 Jun 2018 06:14 PM (IST)
झारखंड में भूख से एक और महिला की मौत, चार दिन से नहीं मिला था खाना
झारखंड में भूख से एक और महिला की मौत, चार दिन से नहीं मिला था खाना

चतरा, जेएनएन। झारखंड के गिरिडीह में भूख से हुई महिला की मौत की आग ठंडी भी नहीं हुई थी कि सोमवार की रात लगभग नौ बजे चतरा में भी कचरा बीनने वाली महिला की भूख से मौत हो गई। महिला की पहचान मीना मुसहर (45) के रूप में हुई है। वह बिहार के गया जिले के बाराचट्टी की मूल निवासी थी। फिलहाल, वह चतरा के इटखोरी स्थित प्रेमनगर मोहल्ले के आसपास रहती थी।

loksabha election banner

महिला के बेटे गौतम मुसहर के अनुसार, उसने और उसकी मां ने पिछले चार दिनों से कुछ नहीं खाया था। वहीं इटखोरी प्राथमिक चिकित्सा केंद्र के प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. डीएन ठाकुर का कहना है कि महिला की मौत कैसे हुई इस बारे में अभी कुछ नहीं कहा जा सकता। शव के पोस्टमार्टम के बाद ही कुछ स्पष्ट हो सकेगा। उन्होंने बताया कि महिला का पुत्र उसे लेकर अस्पताल आया था, लेकिन पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी। इधर, लोगों ने बताया कि मृतका का पुत्र शव को अपने कंधे पर लादकर लाया था।

वहीं, अस्पताल में भी अव्यवस्था का आलम यह था कि वह अपनी मां के शव को कंधे पर लादे हुए भटकता रहा। बाद में डॉक्टरों ने महिला का परीक्षण कर उसे मृत घोषित कर दिया। इस प्रकरण का वीडियो वायरल हो गया। इससे प्रशासनिक अमले में हड़कंप मच गया।

जानकारी के अनुसार, महिला व उसका पुत्र कूड़े के ढेर से प्लास्टिक बीनकर दो जून की रोटी जुगाड़ करते थे। महिला अपने पुत्र के साथ करीब तीन महीनों से इटखोरी में रह रही थी। घटना की जानकारी होने के बाद प्रशासनिक अमला आननफानन में मामले की लीपापोती में जुट गया। कोई इसे बीमारी से हुई मौत बता रहा है तो कोई अन्य कारण गिना रहा है।

चार दिनों से नहीं हुई थी कमाई
मीना के बेटे का कहना है कि बीते तीन-चार दिनों से कोई कमाई नहीं हुई थी, इसलिए दोनों भूखे थे। सोमवार की शाम उसकी मां की तबीयत अचानक बिगड़ गई, लेकिन इलाज कराने या दवा खरीदने के लिए पास में पैसे नहीं थे। इस पर विवश होकर वह उन्हें कंधे पर लादकर अस्पताल ले गया, जहां डॉक्टर ने उन्हें मृत घोषित कर दिया।

मामले की जांच के बाद ही मौत के सही कारण का पता चल सकेगा। अभी कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा।
-राजीव कुमार, एसडीओ।

डीसी ने दिया जांच का आदेश
चतरा में भूख से हुई मौत के मामले में डीसी जितेंद्र कुमार सिंह ने जांच का आदेश दिया है। सदर अनुमंडल पदाधिकारी राजीव कुमार को दायित्व सौंपा है। आज शाम पांच बजे तक रिपोर्ट मांगी है। मृत महिला के पोस्टमार्टम के लिए मेडिकल बोर्ड गठित किया गया है। सिविल सर्जन डा. एसपी सिंह ने तीन सदस्यीय टीम गठित की है।

गिरिडीह में भी भूख से हुई थी महिला की मौत
झारखंड में गिरिडीह जिले के मंगरगड्डी गांव में 58 वर्षीय महिला सावित्री देवी की भूख से मौत हो गई। पिछले तीन दिनों से उनके घर में चूल्हा नहीं जला था। बहुएं अगल-बगल के घरों से उधार चावल लाकर अपने बच्चों का किसी तरह पेट पाल रही थीं। चार दिनों तक भूख से तड़पने के बाद शनिवार की सुबह करीब साढ़े आठ बजे जीवन से लड़ने की उनकी क्षमता खत्म हो गई और उनके प्राण निकल गए। भूख से महिला की मौत की बात रविवार की सुबह सामने आई। बेटे के इंतजार में शव घर पर ही पड़ा था। उनके दो बेटे हैं और दोनों बाहर थे। सूचना पाकर रविवार की सुबह उनका छोटा बेटा हुलास महतो पहुंचा। दोनों भाई रोजगार के लिए कुछ दिन पूर्व ही घर से बाहर निकले हैं। अब तक वे अपने घर एक फूटी कौड़ी भी भेज नहीं पाए थे। महिला के पति द्वारिका महतो की 10 साल पहले मौत हो चुकी थी।

हरकत में आया प्रशासन
उधर भूख से मौत की सूचना मिलते ही प्रशासन हरकत में आ गया। प्रभारी डीसी (उपायुक्त) मुकुंद दास ने तत्काल खाद्य आपूर्ति विभाग के मार्केटिंग ऑफिसर कांशी को पीडि़त परिवार के पास भेजा। मौके पर पहुंचने के साथ ही मार्केटिंग ऑफिसर ने सावित्री के पूरे घर का निरीक्षण किया। स्थानीय विधायक जगरनाथ महतो के सामने बातचीत में उन्होंने स्वीकार किया कि घर की जो स्थिति है, उसे देखते हुए लगता है कि महिला की भूख से ही मौत हुई है। विधायक जगरनाथ महतो ने भूख से मौत के लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराया। चैनपुर पंचायत के मुखिया रामप्रसाद महतो ने कहा कि महिला की मौत भूख से हुई है। उसे सरकार की ओर से मिलने वाली कोई भी सुविधा नहीं मिल रही थी। राशन कार्ड तक उस परिवार का नहीं था। गिरिडीह के प्रभारी डीसी मुकुंद दास ने बताया कि फिलहाल जो जानकारी है, उसके अनुसार महिला की बीमारी से मौत हुई है। वैसे मामले की जांच कराई जाएगी और जो भी सहायता उस परिवार के लिए जरूरी होगी, उपलब्ध कराई जाएगी।

सिमडेगा की संतोषी की मौत के बाद भी नहीं चेती सरकार
गौरतलब है कि इससे पूर्व सिमडेगा जिले के करीमती गांव में पिछले साल सितंबर में 11 वर्षीय संतोषी की भूख से मौत हो गई थी। परिवार का राशन कार्ड आधार से लिंक न होने की वजह से राशन नहीं मिल पा रहा था। इस वजह से घर के सदस्य भूखे रहने को मजबूर थे। सरकार फिर भी नहीं चेती तथा एक और मौत भूख के कारण हो गई। 
 


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.