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पहले कराते हैं बिन ब्‍याही मां का प्रसव, फिर नवजात को बेच देते झोलाछाप

ऐसे नवजात को झोलाछाप अपने नेटवर्क के जरिए लाखों रुपयों में बेच देते हैं।

By Preeti jhaEdited By: Published: Sat, 30 Dec 2017 04:27 PM (IST)Updated: Sat, 30 Dec 2017 05:14 PM (IST)
पहले कराते हैं बिन ब्‍याही मां का प्रसव, फिर नवजात को बेच देते झोलाछाप
पहले कराते हैं बिन ब्‍याही मां का प्रसव, फिर नवजात को बेच देते झोलाछाप

चतरा, [जुलकर नैन]। झारखंड के अति‍ नक्‍सल प्रभावित चतरा जिले के सुदूर लावालौंग में झोलाछाप की चांदी है। स्‍वास्‍थ्‍य समेत अन्‍य सुविधाओं से पिछड़े इस प्रखंड में मजबूर व बेबस लड़कियों का फायदा झोलाछाप बखूबी उठा रहे हैं।

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झोलाछाप ने यहां अपनी क्‍लीनिक भी खोल रखी है। यहां अधिकतर वे बिन ब्‍याही लड़कियों का सुरक्षित प्रसव करा नवजात को बेच देते हैं। इसके लिए इलाके में नेटवर्क बना रखा है। ये लड़कियां बेबस व मजबूर इसलिए भी होती हैं क्‍योंकि एक तो ये प्रेमी के झांसे में आ जाती हैं और फिर लोकलाज में झोलाछाप डॉक्‍टर के यहां चोरी छिपे पहुंच प्रसव करा बच्‍चे को वहीं छोड़ देती हैं।

ऐसे नवजात को झोलाछाप अपने नेटवर्क के जरिए लाखों रुपयों में बेच देते हैं। कभी-कभी जब लड़का व लड़की के परिजन दोनों की शादी को तैयार हो जाते हैं और बच्‍चा मांगने क्‍लीनिक पहुंचते हैं तब जाकर यह मामला सामने आता है कि नवजात को बेच दिया गया है। पिछले दो माह के अंदर ऐसे दो मामले सामने आने पर यह खुलासा हुआ कि नवजात बच्‍चों की तस्‍करी का धंधा यहां पहले से चल रहा है। खास यह कि मामला सामने आने के बावजूद प्रशासनिक महकमा इसके खिलाफ कार्रवाई करने में अक्षम साबित हुआ है। जबकि मामला विधिवत रूप से थाना के रिकार्ड में दर्ज है। थाना में मामला दर्ज होने के बाद से नामजद आरोपी फरार है। 

बच्‍चे को पाने के लिए दर-दर भटक रही मां 

इसी 18 दिसंबर को लावालौंग प्रखंड मुख्यालय स्थित मुन्ना कुमार नामक झोला छाप डाक्टर के क्‍लीनिक में एक बिन ब्याही नाबालिग ने बच्चे को जन्म दिया था। जन्म के बाद झोलाछाप ने नाबालिग को बगैर नवजात उसे घर भेज दिया और अगले ही दिन नवजात को किसी अन्य दंपती के हाथों बेच डाला।

नाबालिग के पिता ने बच्चे को लाने की शर्त पर लड़का पक्ष के सामने शादी का प्रस्ताव रखा, तो वे तैयार हो गए। इसके बाद नाबालिग के परिजन डाक्टर के समक्ष नवजात के लिए गुहार लगाई। लेकिन झोलाछाप ने नवजात देने से इन्‍कार कर दिया। जन्म के महज 24 घंटे के भीतर ही नवजात को झोला छाप डाक्टर लाखों रुपये में बेच चुका था। विवश होकर लड़की ने 20 दिसंबर को इसकी लिखित शिकायत थाने में की। शिकायत दर्ज होने के आठ दिन बीत गए हैं, लेकिन अब तक पुलिस कथित नवजात मानव तस्कर पुलिस की गिरफ्त से बाहर है।

इधर नाबालिग बिन ब्याही मां नवजात की तलाश के लिए दर-दर भटक रही है, कारण नवजात मिल जाने से उसकी शादी हो जाएगी और उसकी आगे की जिंदगी संवर जाएगी। इसी झोलाछाप के यहां करीब दो महीना पूर्व भी इसी प्रकार का एक और मामला भी सामने आया था लेकिन पुलिस अब तक कुछ नहीं कर सकी। 

क्या कहती हैं जिप अध्यक्ष 

चतरा जिला की परिषद अध्यक्ष ममता देवी कहती हैं कि ये दुखद घटना है। सीधे तौर पर यह नवजात मानव तस्करी का मामला है। आरोपी झोलाछाप डाक्टर के खिलाफ त्वरित कार्रवाई हो। 

सामाजिक कार्यकर्ता सविता बनर्जी, कहती हैं कि नाबालिग और बिन ब्याही को मां बनाना और उसके बाद नवजात को बेच देना, यह तो मानवता की सबसे गिरी हुई हरकत है। बच्चा बेचने वाला फरार है, यह दुखद है। 

क्या कहते हैं एसपी 

आरोपी झोलाछाप डाक्टर की गिरफ्तारी के लिए लगातार अभियान चलाया जा रहा है। टंडवा के अनुमंडल पुलिस पदाधिकारी अभियान का नेतृत्व कर रहे हैं। बहुत जल्द परिणाम सामने आ जाएगा। 

अखिलेश बी वारियर, एसपी, चतरा। 


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