विघटित समितियों के मुखिया नहीं कर पाएंगे भुगतान
जागरण संवाददाता चतरा छह माह का कार्यकाल पूरा कर चुकीं पंचायतों की तमाम कार्यकारी सि
जागरण संवाददाता, चतरा: छह माह का कार्यकाल पूरा कर चुकीं पंचायतों की तमाम कार्यकारी समितियां विघटित हो गई हैं। ऐसे में उन पंचायतों के कार्यकारी प्रधान अर्थात मुखिया अब अपने हस्ताक्षर से किसी प्रकार का भुगतान नहीं कर पाएंगे। उपायुक्त ने भुगतान में उनके हस्ताक्षर के इस्तेमाल पर रोक लगा दी है। उन्होंने अपने पत्रांक 433 दिनांक के माध्यम से प्रखंड विकास पदाधिकारियों को यह आदेश जारी किया है। आदेश ग्रामीण विकास विभाग (पंचायती राज) के निदेशक सह संयुक्त सचिव की ओर जारी अधिसूचना संख्या 42/पं-दिनांक 7.01.2021 के आलोक में जारी किया गया है। पत्र के मुताबिक झारखंड राज्य पंचायत अधिनियम 2001 की धारा 24(4) (ग्राम पंचायत के संदर्भ में), धारा 42(4) (पंचायत समिति के संदर्भ में) तथा धारा 54(4) (जिला परिषद के संदर्भ में) के तहत उनके विघटन के बाद कार्य संचालन की वैकल्पिक व्यवस्था के तहत छह माह के लिए कार्यकारी समितियों का गठन किया गया था। जिन समितियों के गठन के छह माह पूरे हो गए हैं वह स्वत: विघटित समझी जाएंगी। विघटन की तिथि से निर्वाचित पदधारकों के पद रिक्त समझे जाएंगे। इसके आलोक में संबंधित प्रधान और कार्यकारी समिति के पदधारी किसी प्रकार के भुगतान के लिए अपना हस्ताक्षर अथवा डिजिटल हस्ताक्षर का इस्तेमाल नहीं करेंगे। वह किसी भी प्रकार का वित्तीय आदेश भी पारित नहीं करेंगे। ऐसा करने पर वह संपूर्ण रूप से जिम्मेदार होंगे। उपायुक्त का यह आदेश राज्य सरकार से प्राप्त दिशा-निर्देश के आलोक में प्रभावित होगा।
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अधिकारी वर्जन
उपायुक्त के निर्देश से प्रखंड विकास पदाधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। मुखिया अब किसी भी प्रकार का भुगतान नहीं करेंगे।
सुनील कुमार सिंह, डीडीसी, चतरा।