फर्जीवाड़ा कर हड़पी मनरेगा योजना की राशि
जुलकर नैन चतरा जिले के हंटरगंज प्रखंड की कटैया पंचायत के घंघरी गांव में फर्जीवाड़ा
जुलकर नैन, चतरा : जिले के हंटरगंज प्रखंड की कटैया पंचायत के घंघरी गांव में फर्जीवाड़ा कर मनरेगा की राशि हड़प ली गई है। इसके लिए दिव्यांग, शिक्षक, सहिया और सेवानिवृत्त सरकारी कर्मचारी के नाम पर जॉबकार्ड बनाकर भुगतान दिखा दिया गया। इसकी शिकायत उपायुक्त, उपविकास आयुक्त और अन्य अधिकारियों तक पहुंच चुकी है। हालांकि अबतक कोई कदम नहीं उठाया जा सका है। मामला राम अवतार राम के खेत में मनरेगा योजना से कूप निर्माण का है। पूरी वस्तुस्थिति से चतरा के उपायुक्त को अवगत करा दिया गया है। उपायुक्त को सौंपे गये पत्र में कहा गया है कि कूप निर्माण बांदू गांव के मजदूरों से महज 15000 रुपये के ठेका पर कराया गया है। दरअसल जिनके नाम जॉबकार्ड जारी दिखाया गया है उनमें से किसी ने उस योजना में काम ही नहीं किया। यहां तक कि उनके बैंक खाते में डाली गयी राशि निकालकर हड़प ली गई। कैसे किया खेल योजना निर्माण के लिए सूर्यदेव कुमार (पिता स्वर्गीय सोमर यादव) के नाम पर जॉबकार्ड संख्या जेएच-17-001-002-003/243 जारी किया गया है। सूर्यदेव जोरी स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में बतौर शिक्षक काम कर रहे हैं। इसके अलावा योजना में उनकी 24 दिन की हाजिरी दिखा उनके खाते में 4068 रुपये डाल दिये गये और ये राशि निकाल ली गई। ऐसा ही सहिया इंदू देवी (पति सूर्यदेव कुमार यादव) के नाम किया गया। वह हंटरगंज प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में कार्यरत हैं। ऐसा ही खेल 60 प्रतिशत दिव्यांग मोहम्मद ताहिर (पिता कबीर मियां) व कई अन्य लोगों के नाम पर किया गया। रोजगार सेवक बेटे ने मां-बाप को भी बना दिया जॉबकार्डधारी केदार महतो भारत कोकिग कोल लिमिटेड में कार्यरत थे। वह सेवानिवृत्त हो पेंशन उठा रहे हैं। उनके नाम पर भी जाबकार्ड संख्या जेएच-17-001-002-003/532 जारी कर यह खेल खेला गया। इसके लिए 62 वर्षीय केदार का उम्र कम दिखते हुए फर्जी आधार कार्ड भी बनाया गया। केदार महतो के जॉबकार्ड पर ही उनकी पत्नी देवंती देवी को मस्टर रोल संख्या 1897, 332, 334 को भी योजना में कार्यरत दिखा भुगतान दिखाया गया है। जिस अवधि में देवंती देवी को कूप निर्माण में कार्यरत दिखाया गया है, उस दौरान वह आंख का आपरेशन कराकर आराम कर रही थी। उल्लेखनीय है केदार महतो और देवंती देवी का पुत्र ही उस योजना का रोजगार सेवक है। वही जॉबकार्ड बनाने के लिए अधिकृत है।
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अधिकारी वर्जन
मामला गंभीर है। जांच कराई जाएगी। जांच के बाद ही आगे कुछ बता पाएंगे। वैसे जहां तक की बात है, तो ऐसा नहीं होना चाहिए।
मुरली मनोहर प्रसाद, डीडीसी, चतरा। क्या हुई अनियमितता 1. मनरेगा के तहत जॉबकार्ड कार्डधारी को कम से कम एक सौ दिन के काम की गारंटी देता है।
-फर्जी कार्ड बना इस शर्त के साथ खिलवाड़ किया गया।
2. जॉबकार्ड के लिए आधारकार्ड व बैंक खाता नंबर जरूरी होता है।
- इस मामले में फर्जी आधारकार्ड बनाया गया, वहीं कुछ के आधारकार्ड के दस्तावेज उड़ाए गए।
- बैंक खाता नंबर भी बिना सहमति के जुगाड़ किए गए।
- इसमें राशि डाली गई और फर्जी तरीके से निकासी की गई। इसे या तो वास्तविक व्यक्ति को कमिशन दे किया गया या फर्जी हस्ताक्षर कर राशि निकाली गई।