बाल अपराधियों की निजी ¨जदगी को रखें गोपनीय
चतरा : बाल अपराधियों की निजी ¨जदगी को गोपनीय रखें। फोटो, नाम और पता के प्रकाशन एवं प्रसारण से मीडिया बचे।
चतरा : बाल अपराधियों की निजी ¨जदगी को गोपनीय रखें। फोटो, नाम और पता के प्रकाशन एवं प्रसारण से मीडिया बचे। आम तौर प्रतिस्पर्धा के इस दौर में मीडियाकर्मी खबरों को ब्रेक करने के चक्कर में इन मापदंडों को भूल जाते हैं।
उक्त बातें उत्प्रेरक प्रशिक्षण के क्रम में बाल सखा पीयुष सेन ने मीडिया व पुलिस पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए कहीं। प्रशिक्षण का उद्घाटन उपायुक्त जितेंद्र कुमार ¨सह ने किया। विकास भवन के सभा कक्ष में आयोजित प्रशिक्षण में विभिन्न समाचार पत्रों एवं इलेक्ट्रानिक मीडिया के कर्मियों के अलावा पुलिस के कनीय पदाधिकारी भी उपस्थित थे। कार्यक्रम में उप विकास आयुक्त मुरली मनोहर प्रसाद, जिला समाज कल्याण पदाधिकारी हारूण रशीद, जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी अरूणा प्रसाद, सीडब्ल्यूसी की अध्यक्षा संध्या प्रधान व अन्य अधिकारी और कर्मी उपस्थित थे। जिला समाज कल्याण पदाधिकारी ने अतिथियों का स्वागत किया। उसके बाद विधिवत रूप से कार्यक्रम का शुभारंभ हुआ। तत्पश्चात जिला बाल संरक्षण पदाधिकारी ने आइसीपीएस का संक्षिप्त परिचय कराया। इस क्रम में उन्होंने कहा कि बच्चों के खिलाफ ¨हसा रोकने के लिए व्यापक अभियान चलाया जा रहा है। अभियान में मीडिया की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि बाल श्रम, बाल अपराधी का फोटो एवं परिचय के प्रकाशन से बचने की आवश्यकता है। इससे बच्चों की ख्याति क हनन होता है। कार्यशाला को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने कहा कि बच्चों की परिस्थितियों एवं उसकी सामाजिक स्थितियों के संदर्भ में कोई पूर्व धारणा नहीं रखना चाहिए। बच्चों के परिस्थितियों के लिए सिर्फ उसे और उसके परिवार को सिर्फ जिम्मेवार नहीं ठहराया जा सकता है। उसकी मानसिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए विनम्रता से व्यवहार करना चाहिए।