करमाली माइंस कांड की होगी निष्पक्ष जांच
चतरा : करमाली माइंस कांड की निष्पक्ष जांच होगी। ना कोई निर्दोष फंसेगा और ना किसी दोषी को बख्शा जाएग
चतरा : करमाली माइंस कांड की निष्पक्ष जांच होगी। ना कोई निर्दोष फंसेगा और ना किसी दोषी को बख्शा जाएगा। गुरुवार को मिलने आए सत्याग्रहियों के एक शिष्टमंडल को पुलिस अधीक्षक अखिलेश बी वारियर ने यह भरोसा दिलाया। इससे पहले सत्याग्रहियों के शिष्टमंडल ने मिलकर उन्हें करमाली कांड में गांव गणराज्य के संस्थापक विनय सेंगर को फंसाए जाने की जानकारी दी। शिष्टमंडल में जितेंद्र कुमार, चेतना भारती की सचिव ज्योति और गांव गणराज्य के जिला समन्वयक शिवरतन प्रसाद यादव शामिल थे। शिष्टमंडल ने उन्हें बताया कि करमाली करमाली माइंस की वैद्यता जांच की मांग को लेकर लगातार आंदोलन चल रहा है। इस सिलसिले में पांच से नौ जून तक सत्याग्रह चला था। इस क्रम में सेंगर के अलावा महिला मुक्ति संघर्ष समिति की जिला संयोजिका रेश्मी यादव और घरवाली की निवासी सुषमा देवी ने भूख हड़ताल की थी। सदर अनुमंडल पदाधिकारी के जांच के आश्वासन के बाद भूख हड़ताल स्थगित की गई। उसी क्रम में अनुमंडल पदाधिकारी ने उपयुक्त माइंस की स्थल जांच की थी। उन्होंने उपायुक्त को पूरी वस्तु स्थिति से अवगत करा दिया था। उपायुक्त के निर्देश पर अपर समाहर्ता, सदर अनुमंडल पदाधिकारी और जिला खनन पदाधिकारी की एक उच्चस्तरीय जांच टीम गठित की गई थी। इस जांच टीम को 20 जून को करमाली पहुंचना था। 19 जून की सुबह कुछ महिलाएं बुद्धा माइ¨नग के कर्ताधर्ताओं से आग्रह करने गई थीं कि जांच होने तक उत्खनन कार्य बंद रखें। इस पर माइंस के लोगों ने महिलाओं के साथ अभद्र व्यवहार किया। इसे लेकर महिलाओं के साथ उनकी झड़प हो गई और बवाल मचा। इसे बहाना बनाकर माइंस के कर्ताधर्ताओं ने सेंगर और गांव गणराज्य के कुछ कार्यकर्ताओं के खिलाफ कई संगीन आरोप लगाते हुए झूठी और मनगढ़ंत प्राथमिकी दर्ज करा दी है। शिष्टमंडल ने पुलिस अधीक्षक से आग्रह किया कि इस मामले की जांच वह अपने स्तर से करें। पुलिस अधीक्षक ने उन्हें कानून सम्मत जांच और कार्रवाई का भरोसा दिया। दूसरी ओर करमाली कांड की निष्पक्ष जांच की मांग को लेकर सत्याग्रह लगातार दूसरे दिन भी जारी रहा।