गुमला, संतोष कुमार: गुमला को रेलवे से जोड़ने की चिर प्रतिक्षित मांग भले पूरी हो या ना हो, लेकिन सरकार गुमला में हवाई मार्ग को प्रशस्त कर सी प्लेन को उड़ान देना चाहती है।
तीन मार्च 2021 को सचिव नागर विमानन मंत्रालय भारत सरकार के पत्र के आलोक में नागर विमानन विभाग रांची के निदेशक कैप्टन एसपी सिन्हा ने उपायुक्त से पत्राचार कर भूमि का चयन कर प्रतिवेदन उपलब्ध कराने का अनुरोध किया था।
हालांकि, यह पत्र सभी जिलों के उपायुक्त के लिए था। जिला स्तर पर इस पत्र के आलोक में कोई कार्य नहीं हुआ और कागजों में ही गुमला में सी प्लेन का सपना सिमटकर रह गया।
पत्र में आरसीएस उड़ान योजना वाटर ड्रम्स के लिए स्थल का चयन करने की बात थी, ताकि वाटर ड्रम्स से सीप्लेन द्वारा हवाई सेवा का कार्य योजना तैयार कर प्रारंभ किया जा सके।
निदेशक ने पत्र में यह भी कहा था कि वाटर ड्रम्स के रुप में विकसित करने के लिए मापदंड के अनुरुप भूमि का चयन किया जाए। इसे प्राथमिकता देते हुए यथाशीघ्र प्रस्ताव उपलब्ध कराया जाए।
पत्र में बताया है कि वाटर रनवे की लंबाई 1150 मीटर और 120 मीटर होगी। जबकि वाटर रनवे में कम से कम 1.8 मीटर पानी की गहराई होगी। रनवे के लिए वाइल्डलाइफ सैक्यूरी, बर्ड सैंक्चूरी आदि क्षेत्र से दूर भूमि का चयन किया जाएगा।
रनवे का निर्माण ऐसे स्थान पर होगा जहां जीव जंतुओं के अस्तित्व को किसी प्रकार की क्षति नहीं पहुंचे। सरकार के जारी पत्र के बाद कई अधिकारियों का आवागमन हुआ, लेकिन भारत सरकार की यह योजना पर कोई ध्यान नहीं दिया जा सका। यहां तक की जिले के अधिकारियों तक को इस प्लान के बारे जानकारी भी नहीं है।
इस संबंध में जब अपर समाहर्ता सुधीर गुप्ता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि ऐसी किसी योजना की जानकारी नहीं है, लेकिन संज्ञान में बात आई है तो इसे देखा जाएगा। सरकार को इस कार्य के लिए भूमि चाहिए तो उपलब्ध कराई जाएगी।