घटाई जा सकती है इटखोरी महोत्सव की समय सीमा
संवाद सहयोगी इटखोरी (चतरा) कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष राजकीय इटखोर
संवाद सहयोगी, इटखोरी (चतरा): कोरोना वायरस के संक्रमण को देखते हुए इस वर्ष राजकीय इटखोरी महोत्सव का आयोजन सांकेतिक रूप से हो सकता है। महोत्सव की समय सीमा भी घटाई जा सकती है। हालांकि महोत्सव का आयोजन इस वर्ष हो पाएगा या नहीं इस पर फिलहाल संशय कायम है। फिर भी स्थानीय सांसद सुनील कुमार सिंह सांकेतिक रूप से महोत्सव के आयोजन के प्रयास में लगे हुए हैं। मालूम हो कि हर वर्ष 19, 20 एवं 21 फरवरी को मां भद्रकाली मंदिर परिसर में तीन दिवसीय राजकीय इटखोरी महोत्सव का आयोजन होता है। पिछले वर्ष 2020 में भी पूरे धूमधाम के साथ इटखोरी महोत्सव का आयोजन हुआ था। बीते वर्ष मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इटखोरी महोत्सव का मां भद्रकाली मंदिर परिसर में उद्घाटन किया था। लेकिन इस वर्ष कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर महोत्सव के आयोजन पर संशय की स्थिति बनी हुई है। हालांकि पिछले दिनों मां भद्रकाली मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना के लिए आए स्थानीय सांसद सुनील कुमार सिंह ने सांकेतिक रूप से महोत्सव का आयोजन करवाने की इच्छा प्रकट की थी। इस सिलसिले में उन्होंने चतरा के उपायुक्त दिव्यांशु कुमार झा तथा पर्यटन विभाग के वरीय अधिकारियों से भी मंत्रणा की थी। सांसद का मानना है कि वर्ष 2015 में शुरू हुए इटखोरी महोत्सव का सिलसिला टूटना नहीं चाहिए। कोरोना वायरस के संक्रमण के खतरे को देखते हुए सरकारी गाइड लाइन के अनुसार सांकेतिक रूप से महोत्सव का आयोजन होना चाहिए। सांसद का मानना है कि चतरा जिला में पर्यटन विकास के उद्देश्य से इटखोरी महोत्सव का आयोजन शुरू किया गया था। जिसे वर्ष 2016 में राज्य सरकार ने राजकीय उत्सव का दर्जा दिया था। कक्षा वर्षों से इटखोरी महोत्सव यहां के स्थानीय लोगों के लिए रोजगार का भी बेहतर साधन बना हुआ है। तीन दिन के महोत्सव में ठेला खोमचा पर व्यापार करने वाले लोग हुए दस से बीस हजार रुपए तक कमा ले रहे हैं। महोत्सव के आयोजन से यहां होटल व्यवसाय को भी अच्छा सपोर्ट मिला है।