मांगों को लेकर एनटीपीसी के खिलाफ भू-रैयतों का अनिश्चितकालीन धरना शुरू
संवाद सूत्र टंडवा(चतरा) तीन सूत्री मांग को लेकर ग्रामीण भू-रैयतों का अनिश्चितकालीन धरना-प्र
संवाद सूत्र, टंडवा(चतरा): तीन सूत्री मांग को लेकर ग्रामीण भू-रैयतों का अनिश्चितकालीन धरना-प्रदर्शन सोमवार से शुरू हो गया। विस्थापित विकास संघर्ष समिति के बैनर तले हजारों की संख्या में ग्रामीण भू-रैयत एनटीपीसी गेट के समीप एकत्रित हुए और रैली की शक्ल में पूरे नगर भ्रमण करते हुए मुख्य गेट पहुंचे। जहां ग्रामीणों ने एनटीपीसी के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। उसके बाद रैली पुन धरना स्थल जोड़ा पोखर पहुंची। जहां सभा का आयोजन किया गया। जिसमें मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष केएन त्रिपाठी व पूर्व विधायक योगेंद्रनाथ बैठा, आजसू नेता मनोज चंद्रा, जिप सदस्य दुलारचंद साहू शामिल हुए। सभा को संबोधित करते हुए वक्ताओं ने एनटीपीसी प्रबंधन से पच्चीस लाख मुआवजा भुगतान की मांग किया है। कहा कि एनटीपीसी राष्ट्रीय कंपनी हैं इसकी नीति पूरे देश में एक होती है झारखंड में सब कुछ उल्टा हो रहा है। टंडवा में कंपनी प्रबंधन दोहरी नीति अपनाई गई हैं, जो जांच का विषय हैं। कहा कि यहां के कुछ खास रैयतों को 24 लाख, बड़कागांव के रैयतों को पच्चीस लाख मुआवजा दी हैं, तो आम रैयतों को मात्र पंद्रह लाख रुपये प्रति एकड़ मुआवजा भुगतान क्यों की गई। इसकी जांच कराने की मांग की। इस मौके पर कांग्रेस से प्रमोद दुबे, सुबेश राम, राजद प्रखंड अध्यक्ष, सुभाष यादव, जेएमएम संतोष नायक, आजसू से विकास पांडेय ,चंद्रदेव साहू, जागेश्वर दास, अर्जुन समेत सैकडा़ें की संख्या में लोग उपस्थित थे।
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आर-पार लड़ाई के मुंड में हैं रैयत
परियोजना से विस्थापित राहम, कामता, गाडिलौंग,नईपारम, दुंदुवा, टंडवा गांव हजारों महिला पुरुषों ने भाग लिया और एनटीपीसी के खिलाफ आंदोलन को लेकर बिगुल फूक दिया है। ग्रामीण आर-पार की लडाई के मुंड में दिख रही हैं। रैयतो ने पिछले एक पखवाड़े से सभी गांवो में बैठक की और महाआंदोलन की रणनीति बनाई गई थी। समिति संयोजक कृष्णा साव ने कहा कि एनटीपीसी प्रबंधन से तीन सूत्री मांगों को लेकर एनटीपीसी प्रबंधन को ज्ञापन सौंपा था। इसके बाद भी एक मांग भी पूरा नही किया गया। जिससे बाध्य होकर आंदोलन किया जा रहा है।
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क्या है मांग
समिति द्वारा दिए गए ज्ञापन में भू-रैयतों व ग्रामीणों ने एनटीपीसी प्रबंधन से बड़कागांव स्थित संचालित कोल माइंस की तर्ज पर मुआवजा भुगतान करने की मांग किया है।कहा गया कि वर्तमान सरकार द्वारा बड़कागाँव के किसानों को कंपनी द्वारा पांच लाख प्रति एकड़ मुआवजा में बढ़ोतरी की गई हैं। जिसका लाभ टंडवा के रैयतों को भी मिलना चाहिए। समिति ने अधिग्रहित क्षेत्र में भौतिक संरचनाओं पेड़, कुआं, तालाब, मकान का लंबित मुआवजा समेत विस्थापित छह गावों में मूलभूत सुविधाओं का बहाल अविलंब करने की मांग किया हैं।