खाद्यान्न उत्पादन व सुरक्षा के लिए लोग हों जागरूक
सुगंधित धान की खेती पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें 95 किसानों ने भाग लिया। उन किसानों के बीच केंचुआ खाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर किसान राम वृक्ष सिंह कुंती देवी अवध सिंह जाहु उरांव सुकांति देवी कांग्रेस उरांव बाबू राम उरांव आदि उपस्थित थे।
जागरण संवाददाता, गुमला : जिला कृषि विज्ञान केंद्र के वरीय सह प्रधान वैज्ञानिक डॉ.संजय कुमार पांडेय ने कहा है कि खाद्यान्न उत्पादन के साथ-साथ उसके सुरक्षा के प्रति जागरूक होना होगा जिससे उत्पादित खाद्यान्न की बर्बादी न हो सके। अनाज बचाकर ही भविष्य की भूखमरी से निपट सकते हैं। जिला कृषि विज्ञान केंद्र और विकास भारती के संयुक्त तत्वावधान में बुधवार को उग्रवाद प्रभावित बनालात के मलंगटोली गांव में आयोजित विश्व खाद्य सुरक्षा दिवस समारोह में शामिल किसानों को डा पांडेय ने संबोधित करते हुए यह आह्वान किया। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में इस दिवस का आयोजन इस लिए किया जाता है कि लोग उपजाए गए अनाज की सुरक्षा करें और आने वाले संकट से निपटने में उनको मदद मिल सके। उन्होंने कहा कि खाद्य सुरक्षा संस्थान द्वारा इस आयोजन के माध्यम से किसानों में जागरूकता लाने की कोशिश की जाती रही है। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य कृषि संस्थान द्वारा कराए गए अध्ययन के अनुसार विश्व के प्रत्येक दस व्यक्ति में एक व्यक्ति भूखा रह जा रहा है। इससे कुपोषण और बीमारी की समस्या गहरा रही है। इन दोनों समस्याओं से निपटने के लिए अपने उपजाए गए खाद्यान्न को सुरक्षित बचाने की कोशिश करने का आज संकल्प लेने का दिन है। विकास भारती के संयुक्त सचिव महेन्द्र भगत ने किसानों को जल संरक्षण को बढ़ावा देने के साथ-साथ खाली जमीन में खेती करने की आदत डालने की अपील की। कृषि वैज्ञानिक निरज कुमार वैश्य ने बताया कि जैविक धान उत्पादन और उसके विपणन के लिए बनालात को केन्द्र बनाया गया है। सुगंधित धान की खेती पर प्रक्षेत्र दिवस का आयोजन किया गया। जिसमें 95 किसानों ने भाग लिया। उन किसानों के बीच केंचुआ खाद का वितरण किया गया। इस अवसर पर किसान राम वृक्ष सिंह, कुंती देवी, अवध सिंह, जाहु उरांव, सुकांति देवी, कांग्रेस उरांव, बाबू राम उरांव आदि उपस्थित थे।