Chatra News: बालू तस्कर मिटा रहे राज्य की इस मुख्य नदी का का अस्तित्व, आसपास के गांवों का भी घट रहा जलस्तर
चतरा के मयूरहंड से गुजरने वाली बड़ाकर नदी की पहचान राज्य की प्रमुख नदियों में होती थी आज वही नदी का अस्तित्व मिटने लगा है। झारखंड में बड़ाकर नदी के नाम से बहने वाली नदी धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है।
संवाद सूत्र, चतरा: चतरा के मयूरहंड से गुजरने वाली बड़ाकर नदी की पहचान राज्य की प्रमुख नदियों में होती थी, आज वही नदी का अस्तित्व मिटने लगा है। झारखंड में बड़ाकर नदी के नाम से बहने वाली नदी धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है। अगर इसी तरह बालू का उठाव जारी रहा, तो आने वाले समय मे नदी सिर्फ नाम का बचेगा।
गांवों का घट रहा जलस्तर
बताते चलें की बड़ाकर नदी प्रखंड के महुगाई, पेटादेरी, देबादौरी, सोकी सहित अन्य गांवों से होकर गुजरती है। जिसके कारण दर्जनों गांवों में पानी का जलस्तर बना रहता है। परंतु बालू का अवैध उत्खनन के कारण कुछ सालों से इन गांवों का जलस्तर भी घटने लगा है।
पहचान भुला रही नदी
बालू तस्करी को लेकर लोग नदी के मेढ़ तक को काट डाला है, जिससे नदी सूखकर अपनी पहचान भूलती जा रही है। जल नल योजना को लेकर बड़ाकर नदी से ही घर घर मे पानी पंहुचाने का कार्य किया जा रहा है। लेकिन जलस्तर घटने के कारण प्रतिदिन पानी घरों में नही पहुंच पा रहा है।
पैदा हो सकता है जलसंकट
ग्रामीणों ने बताया कि अगर नदी के दोहन को नहीं रोका गया, तो आने वाले कुछ वर्षों में पानी की समस्या उत्पन्न हो जाएगी। बालू तस्कर अपने निजी लाभ को लेकर सैकड़ो लोगो के जीवन के साथ खेल रहे है। बालू तस्करी को लेकर नदी का दोहन बड़े पैमाने पर किया जा रहा है। जो आने वाले समय मे खतरे की घंटी दिखाई पड़ रही है। समय रहते नदी से बालू की तस्करी नही रोकी गयी तो आने वाले समय मे बड़ाकर नदी के पुस्तकों में पढ़ने को ही मिलेगा।