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मंत्री परिषद को भेजा गया डेयरी डवलपमेंट नेटवर्क मिल्क पार्लर योजना का प्रस्ताव

जागरण संवाददाता चतरा डेयरी डवलपमेंट नेटवर्क मिल्क पार्लर योजना का प्रस्ताव मंत्री परिषद क

By JagranEdited By: Published: Mon, 18 Oct 2021 07:08 PM (IST)Updated: Mon, 18 Oct 2021 07:08 PM (IST)
मंत्री परिषद को भेजा गया डेयरी डवलपमेंट नेटवर्क मिल्क पार्लर योजना का प्रस्ताव
मंत्री परिषद को भेजा गया डेयरी डवलपमेंट नेटवर्क मिल्क पार्लर योजना का प्रस्ताव

जागरण संवाददाता, चतरा : डेयरी डवलपमेंट नेटवर्क मिल्क पार्लर योजना का प्रस्ताव मंत्री परिषद को भेज दिया गया है। डीसी अंजली यादव ने चार अक्टूबर को कृषि, पशुपालन एवं सहकारिता विभाग के माध्यम से प्रस्ताव भेजा है। मंत्री परिषद की आगामी किसी भी बैठक में उस प्रस्ताव को पारित कर दिया जाएगा। प्रस्ताव पारित होने के बाद प्रशासनिक स्वीकृति मिल जाएगी। तत्पश्चात निर्माण कार्य की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी। डेरी डवलपमेंट नेटवर्क मिल्क पार्लर का निर्माण जिला खनिज फाउंडेशन ट्रस्ट की राशि से हो रहा है। परियोजना पर करीब 52 करोड़ रुपये खर्च आएगी। परियोजना स्थापना के लिए तीन स्थलों का निरीक्षण किया गया है। जिसमें सदर प्रखंड के ऊंटा मोड़ स्थित भेड़-बकारा प्रजनन प्रक्षेत्र, हंटरगंज प्रखंड के होसिल और इटखोरी प्रखंड मुख्यालय इसमें शामिल है। पिछले 28 सितंबर को झारखंड मिल्क फेडरेशन के महाप्रबंधक पवन मारवाह उपर्युक्त तीनों स्थलों का निरीक्षण किया था। निरीक्षण के बाद उन्होंने रिपोर्ट समर्पित कर दिया है। ऐसे में यह संभावना जताई जा रही है कि इटखोरी में मिल्क पार्लर का निर्माण होगा। हालांकि आधिकारिक तौर पर इसकी पुष्टि नहीं की गई है।

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डीडीसी सुनील कुमार सिंह ने बताया कि तीन जुलाई 2021 जिला खनिज फाउंडेशन की शासी समिति एवं 17 जुलाई 2021 को संपन्न प्रबंधकीय समिति की बैठक में डीएमएफटी मद से डेयरी डवलपमेंट नेटवर्क-मिल्क पार्क निर्माण कराए जाने का प्रस्ताव पारित किया गया था। प्रबंधकीय समिति के अनुमोदन के बाद डीपीआर के लिए झारखंड राज्य सहकारी दुग्ध उत्पादन महासंघ लिमिटेड, रांची को भेजा गया था। योजना की प्रशासनिक स्वीकृति को लेकर खान एवं भूतत्व विभाग के सचिव को अग्रसारित कर दिया गया है। साथ ही साथ मंत्री परिषद से योजना को पारित कराने के लिए प्रस्ताव भी भेज दिया गया है। उन्होंने बताया कि पांच करोड़ रुपये तक की योजनाओं की प्रशासनिक स्वीकृति उपायुक्त को दें सकती है। यह योजना 52 करोड़ से अधिक की है। इसलिए इसी कैबिनेट से पारित कराने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है।


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