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नो इंट्री की अनदेखी, कोरोना गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां

संवाद सूत्र हंटरगंज(चतरा) अंचल में कानून व्यवस्था पूरी तरह बेलगाम साबित हो रही है। अधिक

By JagranEdited By: Published: Thu, 06 May 2021 06:14 PM (IST)Updated: Thu, 06 May 2021 06:14 PM (IST)
नो इंट्री की अनदेखी, कोरोना गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां
नो इंट्री की अनदेखी, कोरोना गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां

संवाद सूत्र, हंटरगंज(चतरा) : अंचल में कानून व्यवस्था पूरी तरह बेलगाम साबित हो रही है। अधिकारियों की मनमानी से निरंजना नदी में सरेआम बालू की लूट मची हुई है। नोइंट्री की अनदेखी की जा रही है। जबकि कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ रही हैं। विडंबना यह कि सत्य से अवगत कराये जाने के बावजूद उच्चाधिकारी भी खामोश हैं। ऐतिहासिक धरोहर निरंजना नदी में गढ़केदली घाट से बालू खनन की जिम्मेदारी झारखंड राज्य खनिज विकास निगम को दी गई है। इसके तहत बालू उठाव का क्षेत्र निर्धारित कर दिया गया है। मगर उस घाट के अतिरिक्त नदी के दूसरे क्षेत्रों से बालू की लूट की जा रही है। बालू खनन में जुटी एजेंसी भी खनन नियमों की धज्जियां उड़ा रही है। एक समाजसेवी ने इससे स्थानीय अंचल अधिकारी मिथिलेश कुमार को अवगत कराया तो उन्होंने कहा कि वह लिखित शिकायत मिलने पर ही कार्रवाई करेंगे। जब इस तथ्य को दैनिक जागरण ने प्रकाशित किया तो दो-चार दिन बालू की लूट बंद रही। अब फिर बेरोक-टोक बालू लूट जारी है। इतना ही नहीं बालू खरीद के लिए यहां आने वाले दूसरे राज्यों के ट्रकों को नोइंट्री में सरेआम छूट दी जा रही है। कई दुर्घटनाओं के गवाह बनने और कई जानें गंवाने के बाद हंटरगंज में अनुमंडल पदाधिकारी के आदेश से नोइंट्री लगाई गई है। नोइंट्री सुबह नौ से शाम सात बजे तक निर्धारित है। नोइंट्री से यात्री बसों, आवश्यक सेवा और हल्के वाहनों को मुक्त रखा गया है। मगर अधिकारियों की अनदेखी से नोइंट्री की सरेआम धज्जियां उड़ रही हैं।

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इधर वैश्विक महामारी कोरोना से यह अंचल भी बुरी तरह प्रभावित है। उसके संक्रमण से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है। राज्य सरकार ने संक्रमण की गंभीरता के मद्देनजर कोरोना गाइडलाइन जारी कर रखा है। सार्वजनिक धार्मिक स्थलों पर श्रद्धालुओं की पूजा-अर्चना प्रतिबंधित है। कहीं भी पांच से लोगों के जमा होने पर पाबंदी है। गाइडलाइन के अनुपालन की जिम्मेदारी स्थानीय पुलिस प्रशासन को सौंपी गई है। मगर प्रसिद्ध शक्तिपीठ कौलेश्वरी पर्वत पर कोरोना गाइडलाइन का अनुपालन कराने में प्रशासन पूरी तरह विफल रहा है। वासंतिक नवरात्र से अबतक करीब चार बार हजारों की भीड़ ने मां कौलेश्वरी के दर्शन किये। जिस कौलेश्वरी मंदिर में कोरोना गाइडलाइन की धज्जियां उड़ रही हैं उसकी प्रबंधन विकास समिति में सदर अनुमंडल पदाधिकारी पदेन अध्यक्ष, हंटरगंज अंचल अधिकारी पदेन सचिव और प्रखंड विकास पदाधिकारी पदेन संयोजक हैं। उनके अलावा हंटरगंज व वशिष्ठनगर के थानेदार पदेन सदस्य हैं। कौलेश्वरी आने वाले ज्यादातर श्रद्धालु बिहार के हैं। पड़ोसी राज्य में कोरोना संक्रमण की भयावह स्थिति है। ऐसे में यहां उनकी भीड़ घातक साबित हो सकती है। कुल मिलाकर अधिकारियों की मनमानी से यहां कानून व्यवस्था मजाक बन कर रह गई है।


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