वर्कशॉप में शौचालय होता तो नहीं जाती कास्टेबल की जान
संवाद सूत्र पिपरवार देश की रक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर देने वाले सीआइएसएफ जवानों संवाद सूत्र पिपरवार देश की रक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर देने वाले सीआइएसएफ जवानों संवाद सूत्र पिपरवार देश की रक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर देने वाले सीआइएसएफ जवानों संवाद सूत्र पिपरवार देश की रक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर देने वाले सीआइएसएफ जवानों ।
संवाद सूत्र, पिपरवार : देश की रक्षा के लिए अपना सब कुछ बलिदान कर देने वाले सीआइएसएफ जवानों की वीरता की कहानी किसी से छीपी नहीं है। देश की औद्योगिक प्रतिष्ठानों की सुरक्षा करने वाले सीआइएसएफ जवान जरूरत पड़ने पर उग्रवादियों व आतंकवादियों से लोहा भी लेते हैं। ऐसे में कास्टेबल कुलदीप का वाशिंग टैंक में डूब जाने की खबर सीआइएसएफ कर्मियों को आहत कर रही है। वहीं, 1800 करोड़ रुपये कमाने वाले सीसीएल पिपरवार क्षेत्र के लिए काफी शर्मिंदगी की बात है कि पिपरवार वर्कशॉप में शौचालय की कमी है। कर्मचारी मानते हैं कि कार्यस्थल के आसपास शौचालय होता तो कास्टेबल की इतनी सस्ती जान नहीं जाती। छोटी-छोटी मागों को लेकर हो हल्ला मचाने वाले श्रमिक संगठनों का खामोश रहना कई तरह के सवाल खडे़ कर रहे हैं। सीसीएल कर्मियों का कहना है कि सीआइएसएफ के दो या तीन लोग ही ड्यूटी पर रहते हैं, लेकिन दर्जनों सीसीएलकर्मी वहा प्रतिदिन तीनों पालियों में ड्यूटी करते हैं। वे शौच लगने पर खुले में जाने को विवश हैं। घटना के बाद भी अब तक किसी भी श्रमिक संगठनों द्वारा प्रबंधन से शौचालय निर्माण की माग नहीं की है। इधरए सीआइएसएफकर्मी आत्मचिंतन करते हुए प्रशिक्षण में तैराकी को भी शामिल करने की जरूरत बता रहे हैं। ज्ञात हो कि 31 मई की रात पिपरवार वर्कशॉप में ड्यूटी कर रहे सीआइएसएफ कास्टेबल कुलदीप की वाशिंग टैंक में डूबने से मौत हो गई थी।