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उवि मंझगावातरी में 50 वर्षों के बाद हुई सरस्वती पूजा

विधि विधान के साथ सिदुआरी नदी में प्रतिमा का विसर्जन भी किया गया। इस मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी पूनम कुजूर मजिस्ट्रेट स्कुटिव अजय भगत डीएसपी वचन देव कुजूर थाना प्रभारी सुशील कुमार पंचायती राज पदाधिकारी मो. नसीम उद्दीन अंसारी प्रतिनियुक्त दंडाधिका आदि उपस्थित थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jan 2020 07:23 PM (IST)Updated: Thu, 30 Jan 2020 07:23 PM (IST)
उवि मंझगावातरी में 50 वर्षों के बाद हुई सरस्वती पूजा
उवि मंझगावातरी में 50 वर्षों के बाद हुई सरस्वती पूजा

संवाद सहयोगी, गिद्धौर: प्रखंड के उत्क्रमित उच्च विद्यालय मंझगांवातरी में गुरुवार को प्रशासन की उपस्थिति में सरस्वती पूजा संपन्न कराई गई। जबकि पूजा संपन्न होने के पश्चात पूरी विधि विधान के साथ सिदुआरी नदी में प्रतिमा का विसर्जन भी किया गया। इस मौके पर प्रखंड विकास पदाधिकारी पूनम कुजूर, मजिस्ट्रेट स्कूटिव अजय भगत, डीएसपी वचन देव कुजूर, थाना प्रभारी सुशील कुमार, पंचायती राज पदाधिकारी मो. नसीम उद्दीन अंसारी, प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी रूपेश महतो सहित जिला पुलिस बल के जवान तैनात थे। बताते चलें कि विद्यालय में सरस्वती पूजा को लेकर वर्षों से दो समुदायों के बीच विवाद चलते आ रहा था। यही वजह है कि शांति समिति की बैठक में सरस्वती पूजा को लेकर मामला छाया रहता था। बताया जाता है कि उक्त गांव में 1972 में प्राथमिक विद्यालय की स्थापना किया गया था। जबकि 2006 में इस विद्यालय को उत्क्रमित करते हुए मध्य विद्यालय का दर्जा दिया गया। वही 2010 में उत्क्रमित मध्य विद्यालय मंझगांवातरी को उच्च विद्यालय का दर्जा प्राप्त हुआ। कई वर्षों तक इस विद्यालय में एक समुदाय विशेष के छात्र-छात्राएं अध्ययनरत थे। जिसके कारण सरस्वती पूजा नहीं किया जाता था। परंतु उत्क्रमित मध्य व उच्च विद्यालय बनने के साथ ही इस विद्यालय में हिदू समुदाय के बच्चे भी पढ़ने लगे। जिसके पश्चात विद्यालय में सरस्वती पूजा करने की मांग उठने लगी। कई वर्षों से सरस्वती पूजा को लेकर युक्त गांव में तनाव की स्थिति भी उत्पन्न हो जा रही थी। 28 जनवरी को विद्यालय के बच्चों द्वारा प्रखंड कार्यालय व स्थानीय थाना में सरस्वती पूजा मनाने को लेकर आवेदन दिया गया था। तत्पश्चात प्रशासन द्वारा सरस्वती पूजा के एक दिन पूर्व ही विद्यालय में पुलिस के जवान तैनात कर दिया। जिसके पश्चात गुरुवार को विद्या की देवी मां सरस्वती की प्रतिमा स्थापित कर पूजा अर्चना किया गया। इस बीच पूरे गांव में आपसी सौहार्द बना रहा। जो आज पूरे प्रखंड के लिए मिसाल है।

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