छात्रवृत्ति में रोड़ा बना नेटवर्क, साढ़े चार लाख रुपए हुए व्यगत
बच्चों के छात्रवृत्ति पर रोड़ा बना नेटवर्क साढ़े चार लाख रुपए हुए लैप्स दो वर्षों से 227 छात्रों को छात्रवृत्ति का नही मिला पैसा प्रत्येक छात्र-छात्राओं पर दो-दो हजार रुपए देने की थी योजना चतरा अधिकारियों की लापरवाही बोले या फिर नेटवर्क की दगाबाजी। इन दोनों कारणों की वजह से दो वर्षों में एक बार भी छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का पैसा नही मिल सका है। एक तरफ सरकार युवाओं को छात्रवृत्ति व अन्य योजना का लालच देकर पढ़ाई करने के प्रति जागरूक कर रहे है। लेकिन कुछ अधिकारी की लापरवाही इन तमाम कोशिशों पर पानी फेर रही है। पढ़ाई में सहयोग करने की सरकार की छात्रवृत्ति योजना धरी की धरी रह गई। हाल यह है कि सत्र 2016-17 एवं 2017-1
चतरा : अधिकारियों की लापरवाही बोले या फिर नेटवर्क की दगाबाजी। इन दोनों कारणों की वजह से दो वर्षों में छात्र-छात्राओं को छात्रवृत्ति का पैसा नहीं मिल सका है। एक तरफ सरकार युवाओं को छात्रवृत्ति व अन्य योजना का लालच देकर पढ़ाई करने के प्रति जागरूक कर रहे है। लेकिन कुछ अधिकारी की लापरवाही इन तमाम कोशिशों पर पानी फेर रही है। पढ़ाई में सहयोग करने की सरकार की छात्रवृत्ति योजना धरी की धरी रह गई। हाल यह है कि सत्र 2016-17 एवं 2017-18 के 227 छात्र-छात्राओं के बीच अब तक छात्रवृत्ति नहीं बांटी गई। जिसका परिणाम यह हुआ कि इन दोनों वर्षो में सरकार द्वारा जारी 4.54 लाख रुपये 31 मार्च को लैप्स हो गया। पहले तो शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने सुस्ती दिखाई। जिसके कारण बच्चों के खाते में पैसा नही गया। जब समय खत्म होने के कगार पर आया तो नेटवर्क ने दगा दे दिया। जिसके कारण छात्रवृत्ति को लेकर विभाग से आए पैसे को वापस अधिकारियों को लौटना पड़ा। वित्तीय वर्ष 2016-17 में जिले के विभिन्न स्कूलों से कुल 113 बच्चों ने छात्रवृत्ति का फॉर्म जमा किया था। उसके बाद वर्ष 2017-18 में 119 बच्चों ने फॉर्म जमा किया था। सरकार की योजना के तहत इन सभी छात्रों को वर्ष में दो-दो हजार रुपया स्कॉलरशिप देना था। लेकिन उन्हें अब तक बच्चों के खाते में पैसा स्थानांतरित नही किया गया है। जिला शिक्षा पदाधिकारी भलेरियन तिर्की ने बताया कि उनके आए हुए तीन से चार महीने ही हुए है। उन्होंने आते ही छात्रवृत्ति के लिए विभाग से आया पैसा बच्चों को खाते में जमा करने को लेकर चेक ट्रेजरी में जमा किया गया था। किंतु नेटवर्क की स्थिति खराब रहने के कारण बच्चों के खाते में छात्रवृत्ति का पैसा स्थानांतरित नही हो पाया। जिसके कारण 4.54 लाख रुपया लैप्स हो गया।