हेरूआ डैम की सफाई के लिए नहीं बनी कोई योजना
आज से 20 साल पहले पानी आसानी से मिल जाता था। कहीं भी पानी निकल जाता था। पानी का लेयर बहुत ऊपर था। लेकिन आज के दिन में पानी का लेयर काफी नीचे चला गया है। पहले 20 से 25 फीट के नीचे पानी निकल जाया करता लेकिन अब ऐसा नहीं है। जैसे जैसे गर्मी का मौसम आ रहा है पानी का स्तर काफी नीचे चला जा रहा है। इसके कारण लोगों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। हेरू डैम का जल स्तर भी दिनों दिन कम रहा है। दुखन यादव देवरिया चतरा पानी का जल स्तर काफी कम हो रहा है। जब जब गर्मी का मौसम आता है पानी का किल्लत बढ़ जाता है। पानी के लिए लोग सुबह से रात कर देते हैं। उसके बाद पानी मिलता है। दिनों दिन पानी का जल स्तर भी नीचे चला जा रहा है। कई चापाकल भी जबाब दे दिया है। कुआं में पानी नहीं है। सप्लाई पानी की भी हालत खराब है। चापाकलों से भी पानी नहीं निकल रहा है। दो बाल्टी पानी निकालने के बाद चार से पांच घंटे के फिर एक बाल्टी पानी निकलता है। खेमन महतो नगवां चतरा
चतरा : शहर की जलापूर्ति की लाइफलाइन कहलाने वाला हेरूआ डैम सिकुड़ता जा रहा है। निर्माण के बाद इसका जीर्णोंद्धार नहीं हुआ। डैम का निर्माण वर्ष 1971 में हुआ था। उस वक्त उसका रकबा 560 एकड़ फीट क्षमता था। पानी साल भर पर्याप्त मात्रा में रहता था। स्थिति ऐसी थी कि आसपास के ग्रामीण इससे सिचाई भी करते थे। लेकिन वर्तमान में परिस्थिति बदल गई है।
डैम का आधे से अधिक हिस्सा कूड़े और कचरे से भर गया है। तीन वर्ष पूर्व 2016 में तत्कालीन उपायुक्त अमित कुमार के प्रयास से एनटीपीसी द्वारा जीर्णोद्धार के लिए 36 लाख रुपये खर्च किए गए थे। लेकिन जीर्णोद्धार के नाम पर सिर्फ खानापूर्ति हुई है। 36 लाख रुपये खर्च होने के बाद भी डैम की स्थिति यथावत है। पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल ने डैम के जीर्णोद्धार को लेकर प्राक्कलन बनाकर नगर परिषद को दिया है। नगर परिषद उसे तकनीकी स्वीकृति के लिए नगर विकास विभाग में भेजा है। लेकिन एक वर्ष से अधिक का समय बीत जाने के बाद भी उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। संचिका नगर विकास विभाग में धूल फांक रहा है।
पेयजल एवं स्वच्छता प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता ने बताया कि कचरे की सफाई नहीं होने से डैम सिकुड़ता चला जा रहा है। डैम में गंदगी का अंबार लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि प्रतिदिन दस लाख गैलन पानी का खपत है। जिसमें सात लाख गैलन शहर के लोगों के लिए और तीन लाख गैलन मवेशी एवं पशु-पक्षियों में खपत होता है। उन्होंने बताया कि इस बार बारिश नहीं होने से डैम में पानी का संग्रहण पर्याप्त मात्रा में नहीं हो सका है। उन्होंने बताया कि सदर प्रखंड के डहुरी डैम के केनाल से पानी लाने की व्यवस्था है।
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पानी का लेयर नीचे चला गया
आज से 20 साल पहले पानी आसानी से मिल जाता था। कहीं भी पानी निकल जाता था। पानी का लेयर बहुत ऊपर था। लेकिन आज के दिन में पानी का लेयर काफी नीचे चला गया है। पहले 20 से 25 फीट के नीचे पानी निकल जाया करता लेकिन अब ऐसा नहीं है। जैसे जैसे गर्मी का मौसम आ रहा है पानी का स्तर काफी नीचे चला जा रहा है। इसके कारण लोगों को पानी के लिए इधर उधर भटकना पड़ रहा है। हेरू डैम का जल स्तर भी दिनों दिन कम रहा है।
दुखन यादव, देवरिया चतरा
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हैंडपंप भी जवाब दे रहा
पानी का जलस्तर काफी कम हो रहा है। जब जब गर्मी का मौसम आता है, पानी का किल्लत बढ़ जाता है। पानी के लिए लोग सुबह से रात कर देते हैं। उसके बाद पानी मिलता है। दिनों दिन पानी का जल स्तर भी नीचे चला जा रहा है। कई चापाकल भी जबाब दे दिया है। कुआं में पानी नहीं है। सप्लाई पानी की भी हालत खराब है। चापाकलों से भी पानी नहीं निकल रहा है। दो बाल्टी पानी निकालने के बाद चार से पांच घंटे के फिर एक बाल्टी पानी निकलता है।
खेमन महतो, नगवां चतरा