भद्रा के बाद होगा होलिका दहन, बन रहा शुभ संयोग
भद्रा के बाद होगा होलिका दहन बन रहा शुभ संयोग चेतन पाण्डेय पत्थलगडा बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होलिका दहन बुधवार की रात्रि भद्रा के बाद किया जायेगा। होलिका दहन के साथ ही पूरा जल पटेल रंगो का पवित्र त्यौहार होली से सराबोर होगा। शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि की रात भद्रा के बाद करने का नियम है। इस बार भद्रा 20 मार्च को रात्रि
पत्थलगडा : बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक होलिका दहन बुधवार की रात्रि भद्रा के बाद किया जाएगा। होलिका दहन के साथ ही पूरा जल पटेल रंगो से सराबोर होगा। शास्त्रों के अनुसार होलिका दहन फाल्गुन माह की पूर्णिमा तिथि की रात भद्रा के बाद करने का नियम है। इस बार भद्रा 20 मार्च को रात्रि 8:12 तक भोग कर रहा है। जबकि पूर्णिमा तिथि गुरुवार को गुरुवार को अहले सुबह 7:03 बजे तक भोग कर रहा है। ऐसे में होलिका दहन बुधवार की रात्रि 8:12 के बाद से मध्य रात्रि 12:05 बजे तक किया जाएगा। इस बार होली का दहन के मौके पर कई शुभ संयोग बन रहे हैं बुधवार और पूर्णिमा का संयोग खासकर महिलाओं के लिए अपार सुख और समृद्धि लेकर आ रहा है। वहीं होली पर सात साल बाद पहली बार गुरु का योग बन रहा है। यह योग कई मायने में महत्वपूर्ण है।
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तीन दर्जन स्थानों पर होगा होलिका दहन
पत्थलगडा : प्रखंड में करीब 3 दर्जन स्थानों पर होलिका दहन किया जाएगा। जिसमें नावाडीह, चौथा, बेलहर, दुम्बी, बरवाडीह, सिघानी, पत्थलगडा, लेम्बोईया, तेतरिया, नोनगांव, खैरा, कुब्बा, अनगड़ा, बाजोबार, बोगासाड़म व अन्य गांव में होलिका दहन को लेकर लोगों की अपार भीड़ उमड़ती है। यहां होलिका दहन को लेकर विशेष तैयारियां की जाती है। लोग एक दिन पूर्व से ही डीजे की डीजे बजना शुरू हो जाता है। महिला, पुरुष, बच्चे, युवा, बुजुर्ग सभी ढोल बाजे के साथ होलिका दहन स्थल पर पहुंचते हैं और धूमधाम के साथ होलिका दहन करते हैं एवं पिछले साल की हर गम और दुख को मिटाकर नए साल में बेहतर करने का संकल्प लेते हैं।