नक्सलियों का बढ़ता दुस्साहस पुलिस के लिए बड़ी चुनौती
स्थल पर मौजूद सहायक आपरेटर अशोक कुमार ने बताया कि माओवादी अपने साथ पेट्रोल लेकर आए थे। माओवादियों ने पहले छोटन कुमार एवं अशोक कुमार से ही गाड़ियों पर पेट्रोल डाल कर जलाने के लिए कहा था। लेकिन इंकार करने पर स्वयं गाड़ियों पर पेट्रोल छीड़कर आग के हवाले कर दिया
चतरा : भाकपा माओवादी के नक्सलियों ने रविवार की शाम जिस दुस्साहस का परिचय देकर प्रतापपुर में चार वाहनों को आग के हवाले कर दिया, उससे पुलिसिया अभियान को झटका लगा है। इतना ही नहीं पुलिस की चुनौती भी बढ़ी है। पुलिस अधिकारियों की योजनाओं पर भी उग्रवादियों ने पानी फेर दिया है। चतरा को उग्रवादमुक्त जिला बनाने की कवायद चल रही है। इसके लिए पुलिस लगातार अभियान चला रही है। एक समय तो ऐसा प्रतीत हो रहा था कि अब इस जिले में भाकपा माओवादी उग्रवादियों का अस्तित्व मिल चुका है। पुलिस के लिए टीएसपीसी चुनौती बनते जा रही थी। पुलिस टीएसपीसी के खिलाफ कार्रवाई में जुटी हुई थी। इसी बीच भाकपा माओवादियों के नक्सलिययों की सक्रियता की खबर ने पुलिस की नींद उड़ा दी। फिर क्या था 30 नवंबर को माओवादियों ने पुलिस के साथ मुठभेड़ कर अपनी उपस्थिति को सार्वजनिक कर दिया। इसके करीब एक महीना के बाद सदर थाना क्षेत्र के बेरियानाला के समीप फिर उनका सामना पुलिस वालों से हुआ और दोनों ओर से जमकर गोली बारी हुई। जिसमें एक उग्रवादी मारा गया। उसके तीसरे दिन ही उग्रवादियों ने प्रतापपुर-रहरिया पथ निर्माण कार्य में लगे ¨सह कंस्ट्रक्शन कंपनी के चार वाहनों को आग के हवाले कर दिया। इतना ही नहीं सूत्रों पर यदि यकीन करें, तो आग लगी की घटना को अंजाम देने के बाद नक्सलियों का दस्ता कई घंटों तक उस क्षेत्र में मोर्चा संभाले रखा। उनका निशाना पुलिस बल पर था। यही कारण है कि पुलिस की छापेमारी दल सावधानीपूर्वक वहां पहुंची। हालांकि घटना को अंजाम देने के लिए तीन मोटरसाइकिल पर छह नक्सली आए थे। लेकिन आसपास के क्षेत्रों में नक्सलियों का एक बड़ा जत्था मोर्चा संभाले हुए था।