सरकारी तीर्थ यात्रा पर अकलियत की दिलचस्पी कम
निशुल्क तीर्थ यात्रा की सरकारी मंशा परवान चढ़ती नहीं दिख रही। खासकर अकलियत इसमें कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं। ख्वाजा मोईनउद्?दीन चिस्ती की दरगाह पर चादरपोशी के लिए अपेक्षित जाने वालों की संख्या पूरी नहीं हो पा रही है। प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद अब तक चालीस में
चतरा : निश्शुल्क तीर्थ यात्रा की सरकारी मंशा परवान चढ़ती नहीं दिख रही। खासकर अकलियत इसमें कम दिलचस्पी दिखा रहे हैं। ख्वाजा मोईनउद्दीन चिस्ती की दरगाह पर चादरपोशी के लिए अपेक्षित जाने वालों की संख्या पूरी नहीं हो पा रही है। प्रशासन की लाख कोशिशों के बावजूद अब तक चालीस में महज अठारह ही अकलियतों ने आवेदन किया है। शेष 22 की तलाश में प्रशासन भटक रहा है। बता दें कि राज्य सरकार ने इस वर्ष गरीब नवाज के दरबार में हाजरी लगाने के लिए चालीस अकलियतों को जिले से भेजने की योजना बनाई है। इसके लिए बाजाफ्ता जिला प्रशासन को आवंटन भी मुहैया करा दिया गया है। अब जद्दोजहद यह हो रही है कि चालीस बुजूर्ग अकलियत इसके लिए तैयार हो। रवानगी की तारीख बीस नवंबर है। इसके लिए दरख्वास्त की आखरी तारीख 16 नवंबर तय थी। कहने का गरज यह है कि अब बाकी लोगों को जुटाना प्रशासन के लिए सिर दर्द बन गया है। मुख्यमंत्री तीर्थ दर्शन योजना के तहत झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड द्वारा इन जायरीनों को भेजा जाना है। जायरिनों का जत्था जिला मुख्यालय से सुरक्षित बस से बोकारो जाएगा और वहां से रेल मार्ग से अजमेर शरीफ के लिए रवाना होगा।
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कोट
हजरत मोइन उद्दीन चिस्ती रहमतुल्लाह अलै. के मजार पर लोग जाते हैं। राज्य सरकार की इस योजना के प्रति अकलियत रूची नहीं दिखा रहे हैं। इसके पीछे कई करण हो सकते हैं।
मुफ्ती शोऐब, चतरा। ::::::::::::::::::::::::::
कोट
जायरिनों के चयन की जिम्मेवारी तमाम प्रखंड विकास पदाधिकारियों को दिया दी गई थी। चालीस जायरिनों को अममेर शरीफ भेजना है। लेकिन प्रखंडों से मात्र 16 का ही आवेदन आया। आवेदन को झारखंड टूरिज्म डेवलपमेंट कारपोरेशन लिमिटेड को भेज दिया गया है। जायरिनों का काफिला बीस नवंबर को अजमेर के लिए रवाना होगा।
सुहैल आलम, जिला योजना पदाधिकारी, चतरा।