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प्ली बार्गेनिंग समझौते का सुगम तरीका

स्थानीय मंडल कारा में रविवार को जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकार सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीता मिश्रा ने की। कारा में उपस्थित बंदियों को न्यायिक पदाधिकारियों के द्वारा प्ली बार्गे¨नग के बारे में विस्तार पूर्वक बताया गया। कहा कि प्ली

By JagranEdited By: Published: Sun, 16 Sep 2018 05:56 PM (IST)Updated: Sun, 16 Sep 2018 05:56 PM (IST)
प्ली बार्गेनिंग समझौते का सुगम तरीका
प्ली बार्गेनिंग समझौते का सुगम तरीका

चतरा : स्थानीय मंडल कारा में रविवार को जेल अदालत सह विधिक जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। जिसकी अध्यक्षता जिला विधिक सेवा प्राधिकार सह प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीता मिश्रा ने की। कारा में उपस्थित बंदियों को न्यायिक पदाधिकारियों ने प्ली बार्गे¨नग की विस्तार से जानकारी दी। कहा प्ली बार्गे¨नग समझौते का एक सुगम तरीका है। इसके तहत अभियुक्त अपने अपराध को स्वीकार तथा पीड़ित को हुए नुकसान की क्षतिपूर्ति कर कठोर सजा पाने से बच सकता है। यह प्रक्रिया वैसे विचाराधीन कैदियों की मदद करती है, जो लंबे समय से जेलों में बंद हैं। लेकिन किसी महिला और 14 वर्ष से कम आयु के बच्चों के विरुद्ध किए गए अपराध पर यह लागू नहीं होता है। पदाधिकारियों ने बंदियों को बताया कि कोई भी व्यक्ति जन्म से अपराधी नहीं होता। यह समझौते की दिशा में एक नयी सुबह है। लेकिन प्ली बार्गे¨नग केवल उन अपराधों पर लागू होता है, जिसमें सात वर्ष से कम सजा का प्रावधान हो। जेल अदालत में एक भी मामला का निष्पादन नही हुआ। मौके पर न्यायिक पदाधिकारी दिनेश कुमार, सीजीएम संजीव कुमार वर्मा, अपर मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी चंदन कुमार, न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी रविशंकर पांडेय, जेल अधीक्षक समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।

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