1.7 किमी सड़क की दूरी में उलझा आम्रपाली कोल परियोजना
जुलकर नैन चतरा सालाना 17.52 अरब रुपयों का मुनाफ कमाने वाली टंडवा की आम्रपाली कोल परिय
जुलकर नैन, चतरा : सालाना 17.52 अरब रुपयों का मुनाफ कमाने वाली टंडवा की आम्रपाली कोल परियोजना 1.7 किलोमीटर सड़क की पेचिदगी में उलझ पिछले पांच दिनों से रोजाना 4.20 करोड़ रुपये का नुकसान उठा रही है। आम्रपाली कोल परियोजना से शिवपुर रेलवे साइडिग तक प्रतिदिन 70 हजार टन कोयले का परिवहन होना है। एक टन के परिवहन में छह सौ रुपये खर्च आता है। पहले कोयला परिवहन का ठेका अंबे माइनिग प्राइवेट लिमिटेड की सहायक कंपनी नकास करता था। अब उसके स्थान पर आरकेटीसी नामक नई ट्रांसपोर्टर कंपनी को ठेका मिल गया है। अंबे माइनिग प्राइवेट लिमिटेड अपना वर्चस्व को कायम रखते हुए आरकेटीसी को ट्रांसपोर्टिग करने नहीं दे रहा है। बीस जुलाई से कोयले का परिवहन आकेटीसी को करना था लेकिन अब तक शुरू नहीं कर सका है। अंबे माइनिग प्राइवेट लिमिटेड गांव की बाहरी महिलाओं को आगे कर काम में व्यवधान उत्पन्न कर रहा है। यहां फंसा पेच
आम्रपाली से शिवपुर रेलवे साइडिग की दूरी करीब सात किलोमीटर है। सीसीएल ने 5.3 किलोमीटर सड़क का निर्माण कराया है। शेष 1.7 किलोमीटर भूमि रैयती है। यह इलाका सीसीएल के अधिग्रहण से बाहर है। लेकिन रेलवे साइडिग तक पहुंचने का एक मात्र माध्यम यही रैयती जमीन है। पूर्व की ठेका कंपनी अंबे माइनिग ने रैयतों से उक्त भूमि को लीज पर ले लिया था अब इसी लीज का वह फायदा उठा रही है। इसके लिए महिलाओं के ट्रांसपोर्टिग विरोध का सहारा लिया जा रहा है। इसके पीछे भी गत तीन-चार वर्षों में आम्रपाली परियोजना में कोयला परिवहन को लेकर हुए खेल के पर्दाफाश होने का डर बताया जा रहा है। यही वजह है कि अंबे माइनिग आरकेटीसी को डिवार घोषित करने का प्रयास कर रहा है।
::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::::
पुलिस की भूमिका संदिग्ध आम्रपाली कोल परियोजना के सुरक्षा प्रभारी संभालू राम ने टंडवा थाने को इसकी लिखित सूचना 20 जुलाई देते हुए कार्रवाई का आग्रह किया है। पांच दिनों के बाद भी प्राथमिकी दर्ज नहीं हुई है। थाना प्रभारी प्रमोद पांडेय का कहना है कि अभी मामले की जांच हो रही है, जबकि रोज आम्रपाली को 4.20 करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ रहा है।