नरक निवारण चतुर्दशी पर भगवान महादेव की आराधना
श्यामा माई मंदिर सेक्टर दो में मैथिली कला मंच काली पूजा ट्रस्ट की ओर से नरक निवारण चतुर्दशी के अवसर पर भगवान महादेव की पूजा-अर्चना की गई। सिमरिया से लाई गई गंगा नदी के तल की मिट्टी में गंगाजल मिश्रित कर पार्थिव शिवलिगों का निर्माण किया गया।
जागरण संवाददाता, बोकारो: श्यामा माई मंदिर सेक्टर दो में मैथिली कला मंच काली पूजा ट्रस्ट की ओर से नरक निवारण चतुर्दशी के अवसर पर भगवान महादेव की पूजा-अर्चना की गई। सिमरिया से लाई गई गंगा नदी के तल की मिट्टी में गंगाजल मिश्रित कर पार्थिव शिवलिगों का निर्माण किया गया। उसके बाद विधिपूर्वक मंदिर के यज्ञ मंडप में पूजा-अर्चना संपन्न की गई। आचार्य पं योगेंद्र मिश्र की देखरेख में पं गोविद झा, गौरी झा एवं अन्य पुरोहितों ने शिवलिग पूजन किया। सुबह से ही पार्थिव शिवलिग का निर्माण शुरू हो गया। उसके बाद काली पूजन और सांब सदाशिव पूजन किया गया। तत्पश्चात संध्या बेला में आरती के बाद भजन-कीर्तन का कार्यक्रम हुआ।
मैथिली कला मंच काली पूजा ट्रस्ट के महासचिव सुनील मोहन ठाकुर ने कहा कि मिथिला में नरक निवारण चतुर्दशी की महत्ता रही है। ऐसी मान्यता है कि पार्थिव शिवलिग बनाकर उनका पूजन करने से भगवान भोलेनाथ सभी प्रकार के कष्टों को हर जीवन में सुख, समृद्धि और शांति प्रदान करते हैं। श्यामा माई मंदिर में यह आयोजन होता रहा है। मिथिला के सिमरिया से गंगा नदी की पवित्र मिट्टी में गंगाजल को उसने मिश्रित कर पार्थिव शिवलिग मनाया जाता रहा है। मौके पर तुलानंद मिश्र, सतीश चंद्र झा, राज नंदन ठाकुर, राधा कृष्ण मिश्रा, जयराम झा, गोविद कुमार झा, मिहिर मोहन ठाकुर, राज कृष्ण राज, कृष्णानंद मिश्र, राधानंद मिश्र, विवेकानंद झा, हरीश्चंद्र झा, हरि सरकार आदि उपस्थित थे।