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bokaro news फौलादी इरादों के साथ देश की आर्थिक मजबूती दे रहीं महिलाएं

पुरुषों से कम नहीं नारियां इस्पात निर्माण में दिखा रहीं दम। बोकारो स्टील प्लांट में बने इस्पात से बना आइएनएस विक्रांत। चादर बनाने को 700 डिग्री सेल्सियस तक गर्म किया जाता लोहा। हमेशा रहतीं सजग छोटी सी चूक से खतरे में पड़ सकती जान बावजूद मनयोग से हो रहा काम।

By Jagran NewsEdited By: Gautam OjhaPublished: Sun, 02 Oct 2022 11:31 PM (IST)Updated: Sun, 02 Oct 2022 11:31 PM (IST)
bokaro news फौलादी इरादों के साथ देश की आर्थिक मजबूती दे रहीं महिलाएं
बोकारो स्टील प्लांट में कार्यस्थल पर जातीं महिला अधिकारी।

राममूर्ति प्रसाद, बोकारो : इस्पात निर्माण में सेल पूरी दुनिया में अपना लोहा मनवा रहा है। देश की आर्थिकी को फौलादी बनाने में इसका अहम योगदान है। ऐसे में सेल के बोकारो स्टील प्लांट में काम कर रही महिलाओं का जतन प्रासंगिक हो जाता है। जो कठिन परिस्थितियों के बीच स्टील निर्माण में जुटी हैं। मकसद यही कि हमारा देश मजबूत हो।

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बोकारो स्टील में करीब 550 महिला कर्मचारी व अधिकारी कार्यरत हैं। सभी शिद्दत से फर्ज को अंजाम देती हैं। ऐसी ही हैं बतौर प्रबंधक यहां काम कर रही प्रिया शर्मा, पल्लवी कुमारी, मीनू। इनकी जीवटता देख हर कोई दांतों तले अंगुली दबा लेगा। ये भट्ठी से गलकर आए लोहे से मांग अनुरूप मोटाई व लंबाई की स्टील चादर बनाती हैं। चादर बनाने में बहुत सतर्क रहना होता है, जरा सी चूक जान जोखिम में डाल सकती है। ये आटोमेटिक मशीन से स्टील चादर को तैयार करने के बाद 700 डिग्री सेल्सियस तक गर्म करती हैं, ताकि वह मजबूत हो जाए। विशेष तेल का छिड़काव इस पर करती हैं, जिससे जंग न लगे। खास बात ये कि कमरे का इससे तापमान भी बढ़ता है। बावजूद ये लगन से अपने काम को अंजाम देती हैं।

हमें गर्व है हम देश के लिए काम कर रहे 

प्रबंधक प्रिया शर्मा कहती हैं कि बोकारो स्टील प्लांट में बना सात हजार टन इस्पात आइएनएस विक्रांत के निर्माण को भेजा गया। यह युद्धपोत हमारे देश की फौजी ताकत को बेमिसाल बना रहा है। गर्व इस बात का है कि हम अपने देश को मजबूती दे रहे। बीआइटी सिंदरी से बीटेक करने के बाद 2013 में बोकारो इस्पात संयंत्र में अभियंता बनी। बचपन से सपना था कि देश के लिए कुछ कर सकी तो जिंदगी सार्थक हो जाएगी। इसलिए इस क्षेत्र में आने का फैसला लिया। वहीं पल्लवी कहती हैं कि बीआइटी सिंदरी से बीटेक कर 2014 में यहां आई। धमन भट्ठी में लौह अयस्क से तरल लोहा बनाने से लेकर चादर तैयार करने की प्रक्रिया में अब दक्ष हो गई हूं। वहीं मीनू कहतीं हैं कि अक्सर लोग हमसे कहते थे कि उत्पादन सेक्टर लड़कियों के लिए मुश्किल है। तब एक ही बात मन में आई कि पुरुषों से हम किसी क्षेत्र में कम नहीं है, इसे साबित कर देंगे। बस यहां आ गई।

दुनिया के बाजार में बढ़ रहा दबदबा 

सेल में बना इस्पात दुनिया का भरोसा जीत रहा है। यही कारण है कि चीन ने वित्तीय वर्ष 2020-21 में सेल से एक लाख टन इस्पात खरीदा। इसमें से 40 हजार टन बोकारो से भेजा गया। इटली को पहली बार 2022 में 12436 टन इस्पात आपूर्ति किया गया। गत वर्ष अपने उत्पादों के निर्यात में बीएसएल ने 68 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की। इसके अलावा वियतनाम, श्रीलंका, बांग्लादेश, नेपाल समेत कई देशों को बोकारो स्टील लिमिटेड ने इस्पात भेजा है।


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