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निर्वाचन नियमावली का उल्लंघन संज्ञेय अपराध

बेरमो : निकाय चुनाव में निर्वाचन नियमावली का उल्लंघन संज्ञेय अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। प्रच

By JagranEdited By: Published: Fri, 06 Apr 2018 09:57 PM (IST)Updated: Fri, 06 Apr 2018 09:57 PM (IST)
निर्वाचन नियमावली का उल्लंघन संज्ञेय अपराध
निर्वाचन नियमावली का उल्लंघन संज्ञेय अपराध

बेरमो : निकाय चुनाव में निर्वाचन नियमावली का उल्लंघन संज्ञेय अपराध की श्रेणी में माना जाएगा। प्रचार वाहन में डीजे, चुनावी कार्यालयों को झंडे से पाटना, चौक चौराहे पर बड़े बड़े बैनर व पोस्टर आदि को लेकर निर्वाचन आयोग के निर्देश पर शुक्रवार को बेरमो प्रखंड के बहुउद्देश्यीय भवन में आयोग के अधिकारियों ने चुनाव अभ्यर्थियों के साथ बैठक कर उन्हें निर्वाचन नियमावली का सख्ती से अनुपालन सुनिश्चित करने का पाठ पढ़ाया। कहा कि आयोग की ओर से प्रत्याशियों के लिए जारी हैंडबुक में सभी नियम-कानून स्पष्ट उल्लेखित हैं। इसका अध्ययन कर प्रत्याशी उसी के अनुरूप आचरण करें अन्यथा उन्हें कानूनी कार्रवाई का कोपभाजन बनना पड़ेगा।

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बता दें कि बीते गुरुवार को सामान्य प्रेक्षक रामलखन प्रसाद गुप्ता ने फुसरो नगर परिषद क्षेत्र का मुआयना कर चुनाव प्रचार के दौरान आचार संहिता के उल्लंघन सहित निर्वाचन नियमावली की धज्जियां उड़ाने पर कड़ी आपत्ति जताते हुए स्थानीय स्तर पर अधिकारियों को चुनाव कानून का कड़ाई से अनुपालन सुनिश्चित कराने का सख्त निर्देश दिया था। इसी के निमित आयोजित बैठक में आयोग के प्रतिनिधि के रूप में उपस्थित निर्वाची पदाधिकारी टुडू दिलीप, एमएन मंसूरी सहित नप के प्रभारी कार्यपालक पदाधिकारी अखिलेश कुमार ने अभ्यर्थियों के साथ उक्त मसले पर बैठक कर उन्हें खबरदार किया।

सीसीएल के क्वार्टरों में रह रहे लोगों से होल्डिंग टैक्स वसूलने पर जताई आपत्ति : बैठक में आजसू प्रत्याशी संतोष महतो ने कहा कि सीसीएल के क्वार्टरों में झंडा, बैनर पोस्टर लगाने पर यदि सीसीएल से आदेश लेने की बात कही जाती है तो नगर परिषद प्रशासन ने क्वार्टरों में रह रहे लोगों से (हो¨ल्डग टैक्स) किस आधार पर वसूला। कहा कि सीसीएल क्वार्टरों में रह रहे परिवार से यदि स्वामित्व कर हो¨ल्डग टैक्स लिया जाता है तो आयोग को यह मानना चाहिए कि उक्त परिवार उस क्वार्टर का स्वामी है। यहां वे अपने विवेक से किसी प्रत्याशी को चुनाव प्रचार के लिए अनुमति दे सकते हैं। इसमें संपत्ति विरुपण कानून की बंदिशें लागू नहीं होनी चाहिए। अधिकारियों ने इस मामले में कुछ भी कहने से इंकार कर दिया। बैठक में निकाय चुनाव के सभी अभ्यर्थी या उनके प्रतिनिधि मौजूद थे।


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