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खरसावां के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

अंगवाली (बेरमो) पेटरवार प्रखंड अंतर्गत चांदो पंचयात के गर्री ग्राम में बुधवार को खरसावां के

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Jan 2020 09:43 AM (IST)Updated: Thu, 02 Jan 2020 09:43 AM (IST)
खरसावां के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि
खरसावां के शहीदों को दी गई श्रद्धांजलि

अंगवाली (बेरमो) : पेटरवार प्रखंड अंतर्गत चांदो पंचयात के गर्री ग्राम में बुधवार को खरसावां के शहीदों को श्रद्धांजलि दी गई। यहां आदिवासियों ने काला दिवस मनाते हुए कैंडल जलाए। झामुमो के जिला कोषाध्यक्ष अशोक मुर्मू ने कहा कि देश की आजादी के पहले 1 जनवरी 1948 को जब नए साल का जश्न पूरे भारत में मनाया रहा था, तब एकीकृत बिहार के खरसावां (अब झारखंड) में आदिवासियों का खून बहाया गया था। खरसावां स्थित रानी दुर्गावती ऑडिटोरियम में सभा कर रहे 50 हजार से अधिक आदिवासियों की भीड़ पर ओडिशा पुलिस ने अंधाधुंध फायरिग की थी। इसमें कई आदिवासी मारे गए थे। वहां तब आदिवासी खरसावां को ओडिशा में शामिल किए जाने का विरोध कर रहे थे। वहां के आदिवासी खरसावां को एकीकृत बिहार में ही रहने देने की मांग कर रहे थे।

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उन्होंने कहा कि आज भी खरसावां के पुराने लोग 1 जनवरी 1948 की घटना को याद कर सिहर उठते हैं। पुलिस ने जब भीड़ को घेरकर बिना कोई चेतावनी दिए गोलियां चलानी शुरू की थी। तब फायरिग से मारे जाने के साथ-साथ वहां भगदड़ मचने पर मैदान के एक कुएं में गिरकर भी दर्जनों लोग कालकवलित हो गए थे। इसलिए 1 जनवरी को आदिवासी समाज के लोग नया वर्ष नहीं मनाते, बल्कि खरसावां के शहीदों की याद में काला दिवस मनाते हुए उन सबको श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं। यहां राहुल मुर्मू, अजित मुर्मू, दिनेश सोरेन, बिरजू सोरेन, साहिल हांसदा, सागर मुर्मू, सावित्री मुर्मू, मुन्नी देवी, गुलाबी देवी, गीता टुडू, हर्षिता मुर्मू, शिवलाल किस्कू, गौरव मुर्मू आदि उपस्थित थे।


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