आदिवासी महिलाओं ने सीएम को गुमनाम पत्र भेजकर इज्जत बचाने की गुहार लगाई
आदिवासी महिलाओं ने झारखंड के मुख्यमंत्री को गुमनाम पत्र भेजकर इज्जत बचाने की गुहार लगाई है।
जागरण संवाददाता, बोकारो। आइईएल थाना क्षेत्र की आदिवासी महिलाओं ने झारखंड के मुख्यमंत्री को गुमनाम पत्र भेजकर इज्जत बचाने की गुहार लगाई है। पत्र की कॉपी मुख्यमंत्री के अलावा बोकारो के उपायुक्त व एसपी को भी भेजा गया है। पत्र मिलने के बाद से महकमा सकते में है।
महिला ने सीएम को भेजे गए पत्र में कहा है कि बोकारो के गोमिया में चल रहे एक अवैध क्रशर में काम करने वाली महिलाओं के साथ प्रतिदिन दुष्कर्म होता है। कभी-कभार सरकारी साहब लोग भी आते हैं और रात्रि में क्रशर में गंदा काम करते हैं। एक बार दो माह पूर्व एक महिला के भाई ने विरोध किया तो क्रशर संचालक ने उसकी हत्या कर दी।
इसके बाद शव को नदी में फेंक दिया गया। शव के सड़ जाने के बाद उसे गुमनाम शव बना दिया गया। क्रशर संचालकों का ईंट भट्ठा भी है। यह भी आरोप लगाया है कि इन लोगों द्वारा वन विभाग की जमीन को काटकर दो से तीन लाख ईंट बना दिया गया।
शिकायतकर्ता ने कहा कि हम सब गरीबी के चलते काम करते हैं। हमलोगों की इज्जत रोज लूटी जाती है। यदि क्रशर रात्रि के बजाय दिन में चले तो गंदा काम नहीं होगा। शिकायती पत्र के अंत में आवेदिका ने कहा चाचा इज्जत बचाइएगा हम सब गरीब, बहन और बेटी का।
प्रशासन ने जांच के लिए भेजा पुलिस के पास
शिकायत पत्र की प्रति सीएम के अतिरिक्त जो कि जिला प्रशासन के पास पहुंचा है। उसे बोकारो के पुलिस अधीक्षक को भेज दिया गया है। गुमनाम पत्र में पांच लोगों के नाम भी बताए गए हैं। हालांकि घटना एवं शिकायत की पुष्टि जांच के बाद ही हो पाएगी कि शिकायत कितनी सही है। इन सबके बावजूद भेजी गई शिकायत में केवल इज्जत बचाने के लिए रात्रि के बजाय दिन में क्रशर चलाने की मांग की गई है।
नदी में शव मिलने की बात भी शिकायत में कही गई है। 12 जुलाई को कोनार नदी में भी एक युवक का शव मिला था, जिसकी पहचान नहीं हो सकी थी। यदि घटनाक्रम एकसाथ जुड़ता है तो यह पूरे महकमा के लिए स्तब्ध करनेवाली घटना होगी।