सामूहिक दुष्कर्म में तीन लोगों को मृत्युपर्यत कैद
अदालत ने किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के एक मामले में दोषी तीन युवकों को मृत्युपर्यत कैद की सजा सुनाई है।
जागरण संवाददाता, बोकारो: अदालत ने किशोरी के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के एक मामले में दोषी तीन युवकों को मृत्युपर्यत कैद की सजा सुनाई है। अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम सह विशेष न्यायाधीश पोक्सो रंजीत कुमार की अदालत ने मुजरिमों को तीन लाख रुपये जुर्माना भी भरने का आदेश दिया है। जुर्माना की राशि पीड़िता को दी जाएगी। इसके अलावा पीड़ित मुआवजा स्कीम के तहत भी पीड़िता को राशि देने का आदेश अदालत ने दिया है। दोषियों का सजा वीडियो कांफ्रेसिग के माध्यम से सुनाई गई।
13 मार्च को दिए गए थे दोषी करार: अदालत ने बालीडीह मखदुमपुर निवासी मोहम्मद रशीद, मोहम्मद अकबर और फजल खान को बीते 13 तारीख को दोषी करार देते हुए सजा की बिदु पर सुनवाई की तारीख 18 मार्च की निर्धारित की थी।
मामले में अभियोजन पक्ष से विशेष लोक अभियोजक संजय कुमार झा ने बहस की। विशेष लोक अभियोजक ने बताया कि अभियोजन ने अपने पक्ष को मजबूत करने के लिए 15 गवाहों की गवाही कराई। बताया कि छह लोगों पर सामूहिक दुष्कर्म का आरोप लगा था। तीन को अदालत ने दोषी करार देते हुए सजा सुनाई। बाकी दो आरोपित, जिनकी उम्र 16-18 के बीच है, उनका मामला चिल्ड्रेन कोर्ट में तो एक नाबालिग का मामला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड में विचाराधीन है। बालीडीह पुलिस ने पूरे मामले में चार अगस्त 2018 को प्राथमिकी दर्ज की थी। दर्ज रिपोर्ट में बताया गया था कि किशोरी प्राथमिकी दर्ज होने के एक दिन पहले तीन अगस्त को ट्यूशन पढ़ने गई थी। ट्यूशन पढ़कर वह लौट रही थी कि रास्ते में कब्रिस्तान के पास एक अर्धनिर्मित घर में ले जाकर इन छह लोगों ने सामूहिक दुष्कर्म किया। उस दिन किशोरी ने घटना की जानकारी किसी को नहीं दी। अगले दिन जब वह स्कूल पहुंची तो वह दर्द में थी। उसकी स्थिति देख स्कूल की प्रिसिपल ने किशोरी के पिता को बुलाकर उनके साथ उसे घर भेज दिया। किशोरी लोकलाज से किसी को कुछ बता नहीं पा रही थी, लेकिन जब वह घर पहुंची तो पेपर पर लिखकर उसने अपने परिजनों को वारदात की जानकारी दी। इसके बाद पिता समेत अन्य परिजन उसे थाना लेकर गए। यहां उसके फर्द बयान पर प्राथमिकी दर्ज की गई। पुलिस ने अनुसंधान के बाद सभी के खिलाफ आरोप पत्र समर्पित किया। मामले में अदालत ने विचारण के बाद तीन लोगों को यह सजा सुनाई।