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सात करोड़ वसूलने के लिए बैंक खटखटाएगा डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल का दरवाजा

बोकारो : बैंक ऑफ इंडिया का सात करोड़ हड़पने के आरोपी पिता-पुत्र से अपने बकाया रुपये

By JagranEdited By: Published: Fri, 19 Jan 2018 03:01 AM (IST)Updated: Fri, 19 Jan 2018 03:01 AM (IST)
सात करोड़ वसूलने के लिए बैंक खटखटाएगा 
डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल का दरवाजा
सात करोड़ वसूलने के लिए बैंक खटखटाएगा डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल का दरवाजा

बोकारो :

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बैंक ऑफ इंडिया का सात करोड़ हड़पने के आरोपी पिता-पुत्र से अपने बकाया रुपये वसूलने के लिए बैंक प्रबंधन बालीडीह थाने में आपराधिक मुकदमा दर्ज कराने के बाद अब डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है। बालीडीह की फैक्ट्री में उपलब्ध सामानों के अलावा चास के वंशीडीह में खाली चार डिसमिल जमीन और धनबाद के एक फ्लैट को गिरवी रखकर लोन लिया गया था। बियाडा स्थित श्री राम एलॉय एंड इंगोट प्राइवेट लिमिटेड के मालिक मनोज कुमार अग्रवाल व इनके पुत्र निकित कुमार मित्तल ने 9 करोड़ 35 लाख रुपये का ऋण बैंक ऑफ इंडिया से 2011 के मई महीने में लिया था। लोन की किस्त का भुगतान वर्ष 2015 तक किया गया।

फैक्ट्री मालिकों ने जब मासिक किस्त देना बंद कर दिया तो बैंक की ओर से इस संबंध में पत्राचार शुरू किया गया। जांच के बाद इस बात का खुलासा हुआ कि फैक्ट्री बीते वर्ष ही बंद हो गई। फैक्ट्री बंद होने के बाद भी यहां सभी सामान मौजूद थे। जब 16 जनवरी को रांची से सहायक महाप्रबंधक कैलाश बोराबके जांच करने आए तो यहां से सामान गायब मिला। सहायक महाप्रबंधक ने इस आरोप के साथ बालीडीह थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई कि गिरवी रखे गए सामानों को बेच दिया गया है। इससे बैंक को सात करोड़ से अधिक का नुकसान हुआ है। फैक्ट्री के गेट पर ताला लटक रहा था। गार्ड ने भी इस मामले में जांच करने वाले बैंक अधिकारियों को कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया।

--लचर रवैये का उठाया फायदा--- बताया जा रहा है कि वर्ष 2015 में ही बैंक को किस्त देना फैक्ट्री मालिकों ने बंद कर दिया। पत्राचार व बैंक की लंबी कानूनी प्रक्रिया को पूरा करने में समय लगा। बैंक की ओर से जब बीते वर्ष फरवरी माह में जांच हुई तो फैक्ट्री में उत्पादन नहीं हो रहा था। बैंक वालों ने जांच के बाद पाया मोर्गेज की गई संपत्ति अभी तक सुरक्षित है। इसके बाद भी कानूनी प्रक्रियाएं होतीं रहीं। इस वर्ष जब जनवरी में जांच हुई तो मौके से सभी सामान गायब मिले।

- आरोपियों की संपत्ति की जानकारी जुटाएगा बैंक - बताया जा रहा है कि आरोपियों की गिरवी संपत्ति नीलाम करने बाद भी बैंक के लोन की रकम की भरपाई नहीं हो पाएगी। ऐसी स्थिति में बैंक दोनों की अन्य संपत्तियों की जानकारी भी जुटाएगी और उससे अपने बकाया की वसूली करने की कानूनी प्रक्रिया में जुटेगा।

वर्जन:

सात करोड़ बकाया वसूलने के लिए बैंक डेब्ट रिकवरी ट्रिब्यूनल में जाएगा। आरोपी मनोज कुमार व उनके पुत्र निकित की गिरवी संपत्ति के अलावा अन्य संपत्ति की भी जानकारी जुटाकर बैंक प्रबंधक अपने रुपये कानूनी तरीके से वापस लेने की प्रक्रिया में जुटेगा। फैक्ट्री के अलावा बंशीडीह में जमीन व धनबाद का एक फ्लैट गिरवी रखकर लोन दिया गया था। वर्तमान में जांच के बाद फैक्ट्री खाली मिली।

कैलाश बोरावके, सहायक महाप्रबंधक, बैंक ऑफ इंडिया रांची।

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वर्जन:

पुलिस बैंक प्रबंधन की शिकायत पर प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच में जुटी है। जल्द ही जांच प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी।

कार्तिक एस, एसपी बोकारो।


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