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गरीब बच्चों के दाखिले में कोताही पर चिन्मय व माउंट सियोन स्कूल को शोकाज

बोकारो सेक्टर पांच के चिन्मय विद्यालय व सेक्टर 12 के माउंट सियोन स्कूल के प्राचार्य से स्पष्टीकरण पूछा है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 01 Jul 2022 04:02 AM (IST)Updated: Fri, 01 Jul 2022 04:02 AM (IST)
गरीब बच्चों के दाखिले में कोताही पर चिन्मय व माउंट सियोन स्कूल को शोकाज
गरीब बच्चों के दाखिले में कोताही पर चिन्मय व माउंट सियोन स्कूल को शोकाज

गरीब बच्चों के दाखिले में कोताही पर चिन्मय व माउंट सियोन स्कूल को शोकाज

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जागरण संवाददाता, बोकारो : जिला शिक्षा अधीक्षक सह आरटीई सेल बोकारो की नोडल पदाधिकारी ने शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत गरीब बच्चों के दाखिले में कोताही बरतने वाले विद्यालय प्रबंधन के विरुद्ध कड़ा रुख अख्तियार किया है। इस संबंध में बोकारो सेक्टर पांच के चिन्मय विद्यालय व सेक्टर 12 के माउंट सियोन स्कूल के प्राचार्य से स्पष्टीकरण पूछा है। इनके विरुद्ध विभागीय कार्रवाई की भी बात कही है।

जिला शिक्षा अधीक्षक ने चिन्मय विद्यालय के प्राचार्य को प्रेषित पत्र में कहा है कि आपके द्वारा शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत 60 रिक्त सीट की घोषणा की गई है। आवेदन जांच के बाद 46 चयनित बच्चों की सूची आपके विद्यालय में नामांकन के लिए भेजी गई थी। इसमें 21 जून तक केवल 10 बच्चों का ही नामांकन लिया गया है। नामांकन समिति ने शेष नामांकन को स्थगित रखा है। उन्होंने स्कूल की ओर से गठित नामांकन समिति पर सवाल उठाया और कहा कि स्पष्ट करें कि आपके द्वारा किस नियम के अनुसार नामांकन समिति का गठन किया गया है। साथ ही 18 मई को भेजी गई चयनित बच्चों के नामांकन में इतना विलंब किस कारण से हुआ। क्यों नहीं निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के मानदंडों का उल्लंघन की स्थिति में आरटीई एक्ट, राज्य सरकार द्वारा एनओसी, मान्यता की शर्तों एवं न्यायालय के विभिन्न आदेश के अंतर्गत नियमानुसार उपायुक्त के समक्ष कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी जाए। उन्होंने सात दिन में शेष बच्चों का नामांकन लेने का निर्देश दिया।

-मनमाने ढंग से कार्य करने का लगाया आरोप :

जिला शिक्षा अधीक्षक ने माउंट सियोन स्कूल की प्राचार्य को भेजे पत्र में कहा है कि सिवनडीह निवासी जाबिर हुसैन ने जिला कार्यालय में शिकायत की है कि आपके द्वारा निश्शुल्क एवं अनिवार्य बाल शिक्षा का अधिकार अधिनियम की धारा के मानदंडों का उल्लंघन कर विभागीय अधिसूचना की अवहेलना करते हुए इस महत्वाकांक्षी योजना को मनमानी ढंग से कार्य किया गया है। यह अत्यंत ही चिंता का विषय है।

आरटीई के तहत कमजोर व अभिवंचित वर्ग के अंतर्गत विद्यालयों के आसपास क्षेत्र में रहने वाले गरीबी रेखा के नीचे गुजर-बसर करने वाले परिवार के बच्चों को नामांकन में प्राथमिकता देनी है। खाली सीट रहने पर अनुसूचित जाति, अत्यंत पिछड़ा वर्ग व अल्पसंख्यक वर्ग के बच्चों का नामांकन कराना है। इसके बाद भी सीट खाली रहने पर सामान्य वर्ग के बच्चों का नामांकन करना है। नामांकन से पूर्व आवेदक के आवास की जांच करने, दूरी की गलत घोषणा के आधार पर चयन रद करने की स्थिति में नियमानुसार साक्ष्य प्रस्तुत करने का निर्देश दिया है। नामांकन के लिए अभ्यर्थियों के आधार कार्ड की अनिवार्यता सर्वोच्च न्यायालय ने समाप्त कर दी है। इसलिए निर्देश दिया जाता है कि पत्र प्राप्ति के 24 घंटे के अंदर स्पष्ट करें कि क्या आपके द्वारा दिशा-निर्देश के अंतर्गत नामांकन प्रक्रिया पूर्ण की गई है। संतोषजनक जवाब नहीं पाए जाने की स्थिति में अनुशासनिक कार्रवाई की जाएगी।

--पहले चरण में दाखिले को 453 बच्चों ने दिया आवेदन :

शिक्षा विभाग की ओर से शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत जिला के मान्यता प्राप्त 40 निजी विद्यालयों में पहले चरण में 453 चयनित गरीब बच्चों के दाखिला को लेकर आवेदन पत्र भेजा गया है। अब तक नामांकन की प्रक्रिया पूर्ण नहीं की गई है। चिन्मय विद्यालय में पहले चरण में 46 बच्चों के दाखिले को लेकर आवेदन भेजा गया है। अब तक यहां 10 बच्चों का नामांकन लिया गया है। माउंट सियोन स्कूल में 28 गरीब बच्चों के नामांकन को लेकर आवेदन भेजा गया है। पहले चरण के बाद दूसरे चरण के नामांकन की प्रक्रिया शुरू होगी।


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