चार साल से बंद पड़ा नदी-घाटी हाई स्कूल
बेरमो अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट में पांच दशक पूर्व स्थापित नदी घाटी हाई स्कूल चार वर्षों से
बेरमो : अनुमंडल मुख्यालय तेनुघाट में पांच दशक पूर्व स्थापित नदी घाटी हाई स्कूल चार वर्षों से बंद पड़ा है। तेनुघाट डैम निर्माण के दौरान विस्थापित परिवार के बच्चों को माध्यमिक शिक्षा मुहैया कराने के लिए खोला गया उक्त विद्यालय में बीते 2015-16 से पठन पाठन बंद है। इसके सभी शिक्षक रिटायर हो चुके हैं। दो वर्ष पूर्व विद्यालय को पीपीपी मोड पर चलाने के लिए सरकार को विभागीय प्रतिवेदन भेजा गया लेकिन इसका कोई फलाफल सामने नहीं आया।आसपास के अभिभावकों ने बताया कि वर्ष 2015 में जब विद्यालय बंद हुआ, उस वक्त यहां चार सौ से अधिक छात्र-छात्राएं अध्ययनरत थे। वहीं वर्ष 2011-12 में विद्यालय में एक हजार से अधिक बच्चे नामांकित थे। बता दें कि एकीकृत बिहार में उक्त हाई स्कूल का स्थान राज्य के टॉप पचास विद्यालयों में था। लेकिन झारखंड सरकार के कार्यकाल में उक्त विद्यालय की दुर्दशा आज देखी जा सकती है।
पदस्थापित शिक्षकों के रिटायरमेंट के बाद नहीं हुई बहाली :
विद्यालय की स्थापना वर्ष 1966 में जल संसाधन विभाग ने की थी। तब यहां शिक्षकों के 18 पद सृजित किए गए थे। विद्यालय में शैक्षणिक माहौल शानदार हुआ करता था। कालांतर में शिक्षक रिटायर करते गए और विद्यालय बंद होने की दिशा में बढ़ता रहा। नई बहाली नहीं होने और शिक्षा विभाग की ओर से इसकी सुध नहीं लिए जाने के कारण विद्यालय गर्त में समाता गया। अंतत: 2015-16 में विद्यालय को पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया। इस दौरान बांध प्रमंडल ने मानव संसाधन विभाग को पत्र लिख कर उक्त विद्यालय को हैंडओवर करने का प्रस्ताव दिया लेकिन मानव संसाधन विभाग की ओर से उक्त प्रस्ताव पर दिलचस्पी नहीं दिखाई गई। प्राइवेट पब्लिक पार्टनर (पीपीपी) मोड पर उक्त विद्यालय को संचालित कराने के लिए जिला प्रशासन की ओर से भी सरकार को प्रस्ताव भेजा गया था लेकिन उक्त प्रस्ताव पर भी सरकार की ओर से कोई निर्णय नहीं दिया गया। वर्ष 2016 में गोमिया के तत्कालीन विधायक योगेंद्र प्रसाद ने इस मामले को विधानसभा में उठाया जिसमें मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री ने सदन में आश्वासन दिया था कि बंद नदी घाटी हाई स्कूल को पीपीपी मोड़ पर चलाया जाएगा।
स्कूल भवन की मरम्मत में खर्च हुए 43 लाख : बांध प्रमंडल की ओर से वर्ष 2017-18 में नदी घाटी हाई स्कूल के विशाल परिसर और स्कूल भवनों की मरम्मत में काई 43 लाख रुपये खर्च किए गए। करोड़ों की परिसंपत्ति के रखरखाव में बांध प्रमंडल बेदम है। ऐसे में इसकी उपयोगिता नहीं होने से जनता की गाढ़ी कमाई व्यर्थ में जा रही है। बांध प्रमंडल के पास आवंटन का टोटा रहता है। तेनुघाट डैम और तेनु-बोकारो नहर की मरम्मत के लिए विभाग पैसे के लिए सरकार पर टकटकी लगाए रहता है। ऐसे में नदी घाटी हाई स्कूल का रखरखाव करना उसके लिए चुनौती भरा कार्य है।
-----------------------------वर्ष 2014 से लगातार तेनुघाट नदी-घाटी हाई स्कूल और आईटीआई का मामला विधान सभा में उठाया जाता रहा है। पूर्व विधायक योगेंद्र प्रसाद के अलावा इस मामले को मैंने भी विधान सभा में प्रमुखता से उठाई। सदन में सरकार के मुखिया रघुवर दास ने भी आश्वासन दिया कि स्कूल को पीपीपी मोड़ पर संचालित करवाया जाएगा। इधर जल संसाधन विभाग की ओर से स्कूल भवन के जीर्णेाद्धार के नाम पर करीब पांच लाख रुपये की ठेकेदारी कराई गई। यह प्रशासनिक अराजकता है। सरकार सदन में भी झूठ बोलती है। - बबीता देवी, विधायक गोमिया।