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गांवों के विकास में विभाग बना रोड़ा

जागरण संवाददाता बोकारो केंद्र से राशि नहीं मिलने का रोना रोनेवाले राज्य सरकार के पा

By JagranEdited By: Published: Sun, 20 Sep 2020 07:30 PM (IST)Updated: Mon, 21 Sep 2020 05:13 AM (IST)
गांवों के विकास में विभाग बना रोड़ा
गांवों के विकास में विभाग बना रोड़ा

जागरण संवाददाता, बोकारो : केंद्र से राशि नहीं मिलने का रोना रोनेवाले राज्य सरकार के पास केंद्र से भेजी गई राशि पड़ी हुई, लेकिन झारखंड सरकार के ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों के पास इस बात का समय नहीं है कि जिलों को 15वें वित्त की राशि से ली जाने वाली योजनाओं के चयन की प्रक्रिया से संबंधित मार्गदर्शन भेज सके। सभी जिले केवल पत्राचार कर रहे हैं और वापसी पत्र के इंतजार में समय समाप्त हो रहा है। एक ओर जहां विकास को लेकर पांच वर्षो तक लड़ाई लड़ने वाले जिला परिषद व पंचायत समिति के सदस्यों की बेचैनी बढ़ रही है तो दूसरी ओर विधानसभा उपचुनाव को लेकर आचार संहिता लगने का डर भी सता रहा है। अगर जल्द आदेश प्राप्त नहीं हुआ तो मामला लटक जाएगा। नवंबर में पंचायत चुनाव के लिए आचार संहिता लागू हो जाएगी। विदित हो कि इस मामले को दैनिक जागरण ने पूर्व में भी उठाया था, तब भी अधिकारियों का जो जवाब था वही जवाब आज भी है, पर समस्या पर ध्यान किसी का नहीं है।

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17 जून को केंद्र से मिली है राज्य को राशि

15वें वित्त आयोग की अनुशंसा के तहत आधारभूत अनुदान मद के तहत 4 अरब 22 करोड़ की पहली किस्त की राशि केंद्र सरकार ने झारखंड के खाते में 17 जून को दे दिया। वहां से 1 जुलाई को सभी जिले व पंचायत में भी पहुंच गई। ऐसे में इस वर्ष में मिलने वाली कुल 15.60 अरब की राशि सरकार कैसे खर्च कर सकेगी। इस पर सवाल उठ रहा है। चालू वित्त वर्ष में प्रत्येक पंचायत में लगभग 10 लाख रुपये खर्च होंगे। यदि यह राशि खर्च होती तो गांव में विकास के साथ रोजगार भी मिल सकता था, लेकिन यह नहीं हो पा रहा है।

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बोकारो को मिला है 25 करोड़ : बोकारो जिले के 241 पंचायतों को 16.35 करोड़, पंचायत समिति को 3.23 करोड़ तथा जिला परिषद को लगभग 5 करोड़ की राशि मिली है। इसमें से एक रुपये खर्च नहीं हुआ है। पंचायत ने इसलिए खर्च नहीं किया कि उसके एकाउंट की मैपिग साफ्टवेयर से नहीं हो सकी है। जिला परिषद व पंचायत समिति इस लिए नहीं खर्च कर पा रहे हैं कि उनके लिए कोई गाइडलाइन नहीं है। ऐसे में दूसरी व तीसरी किस्त की राशि कैसे खर्च होगी जबकि कार्यकाल ही दिसंबर माह तक का है। ------------------------------------------------------ जिलावार पंचायतों को भेजी गई राशि क्रम संख्या --कुल प्रखंड-- कुल पंचायत- कुल राशि

1. बोकारो --9--241--16.35 करोड़

2. गढ़वा --20--189--14.71 करोड़

3. लातेहार --9--115--8.95 करोड़

4. पलामू --21--269--19.55 करोड़

5. चतरा --12--152 ---11.95 करोड़

6. हजारीबाग --16--251 --18.10 करोड़

7. कोडरमा --6--106--6.79 करोड़ 8. गिरिडीह --13--352---26.13 करोड़

9. देवघर --10--194 ---14.12 करोड़

10. गोड्डा --9--201---14.37 करोड़

11. साहिबगंज --9--163---11.70 करोड़

12. पाकुड़--6--128 ---9.83 करोड़

13. दुमका --10--206--14.88 करोड़

14. जामताड़ा--6--118 --8.40 करोड़

15. धनबाद --10--256 ---16.46 करोड़

16. रामगढ़--6--126 ---8.34 करोड़

17. लोहरदगा --7--66---4.91 करोड़

18. गुमला --12--159---12.62 करोड़

19. खूंटी--6--86 --6.34 करोड़

20. रांची --18--305 --21.37 करोड़

21. सिमडेगा--10--94--7.47 करोड़

22 पश्चिम सिंहभूम --18--237--17.24 करोड़

23. सरायकेला --9--132 --9.93 करोड़

24 . पूर्वी सिंहभूम--11--231 --16.06 करोड़ -----------------------------------

बोकारो जिले में पंचायत समितियों को मिले फंड

1. गोमिया --43.77 लाख

2. बेरमो--22 लाख

3. नावाडीह --31.72 लाख

4. चंद्रपुरा --28.79 लाख

5. पेटरवार --30.31 लाख

6. कसमार --20.56 लाख

7. जरीडीह--23.72 लाख

8. चास --71.20 लाख

9. चंदनकियारी--51.45 लाख

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वर्जन :

राज्य मुख्यालय से दिशा-निर्देश मांगा गया है। संभावना है एक सप्ताह के अंदर मिल जाएगा। जहां तक पंचायत व पंचायत समिति की राशि के खर्च को लेकर बात है तो अब तक किसी बीडीओ ने इसकी जानकारी नहीं दी है। जल्द ही इसका हल निकलेगा।

जय किशोर प्रसाद, उप विकास आयुक्त, बोकारो

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कोट :

वर्तमान सरकार विकास विरोधी है। केंद्र सरकार ने 15वें वित्त आयोग की राशि भेजी राशि को खर्च नहीं किया जा रहा है। पहली किस्त का पांच अरब है और दूसरे किस्त का पांच अरब आने वाला है। राशि को लेकर गाइडलाइन स्पष्ट है, इसके बावजूद सरकार इसपर ध्यान नहीं दे रही है। यह हजारों पंचायत प्रतिनिधियों के साथ धोखा है।

अमर कुमार बाउरी, विधायक चंदनकियारी

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कोट :

सरकार को विकास से कोई लेनादेना नहीं है। सरकारी अधिकारी किसी की सुन नहीं रहे हैं। गांव के लिए विकास की राशि को भी खर्च करने में यदि रोक है तो विकास कहां से होगा। केंद्र से पैसा नहीं मिलने का बहाना सरकार बनाती रहती है। पंचायत प्रतिनिधियों व गांव के विकास की विरोधी सरकार है। इस मामले को विधानसभा में उठाएंगे।

बिरंची नारायण, बोकारो विधायक

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कोट :

जिला परिषद में चार करोड़ रुपये पड़े हुए हैं बैठक नहीं हो रही है। सचिव को पत्र भेजकर निर्देश मांगा गया पर अब तक नहीं मिला है। हम लोगों का कार्यकाल बिना कुछ किए ही समाप्त हो गया।

सुषमा देवी, अध्यक्ष जिला परिषद।


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