Bokaro news: प्रदेश भर में सड़क हादसों 1427 लोगों की मौत, हर महीने होती है रोड सेफ्टी की बैठक; योजनाएं फेल
जिले में हर माह होने वाली सड़क सुरक्षा की बैठक निरंतर नहीं हो रही है। इसके बावजूद सड़क हादसों ने प्रदेश में 1427 लोगों की जान ले ली है। जिले में हर माह होने वाली सड़क सुरक्षा की बैठक निरंतर नहीं हो रही है।
बोकारो [अरविंद]। राज्य सरकार भले ही हर रोज दावा कर ले कि सड़क पर चलने वाले बेशकीमती मानव जीवन को बचाने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन हकीकत इससे अलग है। जिले में हर माह होने वाली सड़क सुरक्षा की बैठक निरंतर नहीं हो रही है। इसी बैठक में हादसों को रोकने के लिए योजनाएं बनती हैं, जिन्हें धरातल पर उतारने का टास्क संबंधित विभाग को दिया जाता है। अगली बैठक में उसकी समीक्षा भी होती है। 19 सितंबर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक में जो आंकड़ा दिया गया वह चिंताजनक है।
धनबाद जैसे बड़े जिले में नौ माह में 200 से अधिक लोग सड़क हादसों में घायल या मर गए, लेकिन हादसों को रोकने के लिए केवल एक ही बैठक हुई। बोकारो में यह बैठक नौ बार की जगह महज चार बार हुई है। राज्य के किसी भी जिले में नौ माह में नौ बैठकें नहीं हुई हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने दिया है आदेश
सुप्रीम कोर्ट की सड़क सुरक्षा समिति के आदेश पर जिले में सड़क सुरक्षा समिति बनी है। सुप्रीम कोर्ट ने हर माह जिले की समिति को बैठक करने का आदेश दिया है। जिले के उपायुक्त की अध्यक्षता में होने वाली इस बैठक में सभी विधायक, एसपी, सिविल सर्जन, सड़क निर्माण विभाग के अधिकारियों के अलावा नगर निगम, डीटीओ समेत अन्य सदस्य हैं।
हर माह होने वाले हादसों को डीटीओ के अधीन कार्यरत रोड सेफ्टी सेल समीक्षा करती है। हादसों के कारण तलाशे जाते हैं और जिले की बैठक में संबंधित अधिकारियों को इसे खामी को दूर करने का टास्क दिया जाता है।
अभी तक नहीं हटा अतिक्रमण, अवैध कट पर भी जस का तस
जिला सड़क सुरक्षा समिति की बैठक में हाईवे किनारे अतिक्रमण कई बार मुख्य मुद्दा रहा है। हाईवे कि अधिकारियों को इस बाबत निर्देश भी मिले, लेकिन एक इंच भी अतिक्रमण नहीं हट सका। हादसों की एक वजह अतिक्रमण भी है। अवैध कट पर भी हर बैठक में चर्चा होती है। एनएच 23 पर जिले के इलाके में 18 अवैध कट हैं। वहीं हाईवे संख्या 32 पर सात अवैध कट हैं। कई बार इन अवैध कट से वाहन आते जाते हैं और इसी वजह से हादसे होते हैं। इन सबके बाद भी इसे बंद नहीं किया गया।
सड़क पर आदेश के बाद भी शत-प्रतिशत हाईवे पर ब्लिंकर लाइट नहीं जल रहे हैं। शहर में बीएसएल प्रबंधन को ट्रैफिक लाइट लगाने को समिति कहती रही है, लेकिन आज तक संयंत्र प्रबंधन ने इस ओर ध्यान नहीं दिया। नगर निगम के इलाके में आदेश के बाद भी पार्किंग की व्यवस्था नहीं है।
19 सितंबर को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई बैठक बाद जिलों को भेजा गया आंकड़ा इस प्रकार है।
जिला | बैठकों की संख्या |
सिमडेगा | 6 |
बोकारो | 4 |
चतरा | 4 |
चाइबासा | 2 |
देवघर | 3 |
धनबाद | 1 |
दुमका | 6 |
गढवा | 2 |
गिरिडीह | 6 |
गुमला | 6 |
हजारीबाग | 4 |
जमशेदपुर | 5 |
जामताड़ा | 2 |
खुंटी | 4 |
कोडरमा | 4 |
लातेहार | 5 |
लोहरदगा | 4 |
पाकुड़ | 4 |
पलामू | 3 |
रामगढ़ | 3 |
रांची | 3 |
साहिबगंज | 4 |
सरायकेला | 3 |
इंट्रिग्रेटेड रोड एक्सिडेंट डाटा बेस पर 23 सितंबर तक अपलोड किए गए हादसे के आंकड़े इस प्रकार है। इन आंकड़ों से अधिक मृत घायलों की संख्या है पर विभाग इसे अपलोड नहीं किया है।
जिला | मौत | घायल |
बोकारो | 97 | 129 |
चतरा | 20 | 24 |
देवघर | 79 | 129 |
धनबाद | 111 | 96 |
दुमका | 33 | 61 |
जमशेदपुर | 68 | 55 |
गढ़वा | 18 | 29 |
गिरिडीह | 79 | 127 |
गोड्डा | 41 | 52 |
गुमला | 74 | 67 |
हजारीबाग | 79 | 86 |
जामताड़ा | 29 | 48 |
खुंटी | 67 | 73 |
कोडरमा | 31 | 62 |
लातेहार | 36 | 62 |
लोहरदगा | 36 | 81 |
पाकुड़ | 58 | 62 |
पलामू | 58 | 58 |
रामगढ़ | 57 | 48 |
रांची | 163 | 191 |
साहिबगंज | 19 | 53 |
सरायकेला | 66 | 56 |
सिमडेगा | 42 | 24 |
चाईबासा | 73 | 62 |
कुल | 1427 | 1776 |