विभीषण को लंका का राजा बना आयोध्या लौटे श्री राम
संस सुरही (बेरमो) भाई से बड़ा कोई दोस्त नहीं और भाई से बड़ा कोई दूसरा दुश्मन नही
संस, सुरही (बेरमो) :
भाई से बड़ा कोई दोस्त नहीं और भाई से बड़ा कोई दूसरा दुश्मन नहीं । चाहे वह व्यक्ति कितना भी विद्वान व तेजस्वी ही क्यों ना हो । यह बात रावण ने उस समय कहा जब प्रभु राम का बाण उनको लगा। यह ²श्य कंजकिरो शिवराम मंदिर में आयोजित रामलीला महोत्सव में कलाकारों ने अपने बेहतरीन अभिनय के माध्यम से बताया। रावण के नाभि में बाण लगते ही लंकापति रावण तिलमिला जाता है और कहता कि कुल द्रोही व भाई द्रोही विभीषण कारण उसकी मौत हुई है। हमें भाई का साथ नहीं मिला। जबकि राम तुमकों सदैव तुम्हारें भाईयों का साथ मिला। तुम युद्ध में इसलिए जीत पाए हो क्योंकि तुम्हारा भाई लक्ष्मण हमेशा तुम्हारे साथ था। चाहे वह समय सुख का रहा यह दुख का। तुम्हारे साथ वह कंधे से कंधा मिला कर खड़ा रहा जिससे मैं हार गया। जबकि मेरा भाई विभीषण मेरे साथ नहीं रहकर मेरे शत्रु से मिलने के कारण मेरी ऐसी हालात हुई है । भाई का प्यार, भाई का सहज योग के कारण तुम इस युद्ध को जीत पाए। जिसके बाद विभीषण का राज्याभिषेक कर उसे लंका का राजा बनाया जाता है। वहीं दूसरी तरफ रामजी पुष्पक विमान से अयोध्या की तरफ लौटते हैं। अयोध्या में भरत जी प्रभु राम के इंतजार में अपनी अर्थी सजा कर इंतजार करते हैं। जैसे-जैसे विलंब होते जाता है भरत विलाप करने लगते हैं। यदि आज समय पर नहीं आए तो मैं या तो जल समाधि ले लूंगा या आत्मदाह कर लूंगा। भरत जी के इतना कहते है प्रभु राम पहुंच जाते हैं। भरत का मिलाप होता है और राम जी का राज्याभिषेक होता है। प्रभु राम के राज्यभिषेक के साथ जय श्री राम के जयकारा से पूरा इलाका गूंजयमान हो जाता है। मौके पर जिप सदस्य टिकैत कुमार महतो ने सामूहिक आरती कर लोगों के सुखमय जिदगी की कामना की ।