उपचुनाव में हार को देख प्रधानमंत्री ने रद किए कृषि कानून
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपचुनाव में भाजपा की हार को देखकर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है लेकिन भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि आने वाले चुनाव को देखते हुए कृषि कानून संशोधन को वापस लिया गया है।
संवाद सहयोगी, बोकारो: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उपचुनाव में भाजपा की हार को देखकर तीनों कृषि कानूनों को वापस लेने की घोषणा की है, लेकिन भाजपा के कुछ वरिष्ठ नेताओं का कहना है कि आने वाले चुनाव को देखते हुए कृषि कानून संशोधन को वापस लिया गया है। पुन: कृषि कानून को लाया जाएगा। यही भाजपा नेताओं का असली चेहरा है। यह बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के राष्ट्रीय सचिव सह प्रवक्ता प्रणव झा ने कही। उन्होंने शनिवार को सेक्टर चार कांग्रेस कार्यालय में प्रेसवार्ता कर कहा कि काले कृषि कानून के खिलाफ देश के किसान लगभग 12 महीनों से लोकतांत्रिक रूप से आंदोलनरत रहे। आंदोलन के दौरान उनके उपर लाठी बरसाई गई। कहा कि कांग्रेस पार्टी किसानों के समर्थन में लगातार सड़क से सदन तक आंदोलन करती रही, जिसका परिणाम है कृषि कानूनों की वापसी। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार चंद उद्योगपतियों के हाथों में देश के कल कारखानों को बेचने की साजिश रच रही है। रेल को बेच दिया, एयर इंडिया बिक गया, महंगाई आसमान छू रही है। पेट्रोल डीजल गैस के दामों में लगातार वृद्धि हो रही है। बेरोजगारों को रोजगार नहीं मिल रहा है।
इसके बाद पार्टी नेता-कार्यकर्ता कैंडल मार्च निकाल कर सेक्टर चार गांधी चौक पहुंचे। महात्मा गांधी के प्रतिमा स्थल पर कैंडल जलाकर शहीद किसानों को श्रद्धांजलि दी। मौके पर मंजूर अंसारी, मनोज कुमार, विमल कृष्ण चौबे, सुशील कुमार झा, परिदा सिंह, नीतू सिंह, नारायण सिंह चौधरी, सगीर अंसारी, देवाशीष मंडल, अभिषेक भारद्वाज, अरविद ठाकुर, लालमोहन लायक, सिकंदर अंसारी, देवेंद्र चौबे, जमील अख्तर, अशोक मिश्रा, पप्पू भाई, आशा देवी, मुकेश सिंह, सरजू केवट, चौहान महतो, तारीख मलिक, मंजूर आलम, हसनुल्लाह अंसारी, मंटू अंसारी आदि उपस्थित थे।