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सेल में पे रिवीजन से पहले तीन हजार कर्मियों की छुट्टी की तैयारी

बोकारो केंद्र सरकार आयकर विभाग केंद्रीय उत्पाद विभाग के बाद अब महारत्न कंपनी सेल में ए

By JagranEdited By: Published: Fri, 16 Apr 2021 11:54 PM (IST)Updated: Fri, 16 Apr 2021 11:54 PM (IST)
सेल में पे रिवीजन से पहले तीन हजार कर्मियों की छुट्टी की तैयारी
सेल में पे रिवीजन से पहले तीन हजार कर्मियों की छुट्टी की तैयारी

बोकारो : केंद्र सरकार आयकर विभाग, केंद्रीय उत्पाद विभाग के बाद अब महारत्न कंपनी सेल में ऐसे कर्मचारियों-अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति देने का मन बनाई है, जो बिना काम के कंपनी में वेतन का लाभ उठा रहे है। इसमें वैसे संयंत्रकर्मी भी शामिल हैं, जो भ्रष्टाचार सहित अन्य गंभीर मामले में लिप्त है। सूत्रों के मुताबिक मंत्रालय ने सेल में लगभग तीन हजार कर्मियों को जबरन कंपनी से बाहर निकालने का लक्ष्य इस साल रखा है, जिसकी सूची सभी इकाई को तैयार करने के लिए कह दिया गया है। हालांकि, मामला अधिकारियों का संगठन सेफी के संज्ञान में आते ही संगठन के पदाधिकारियों ने स्पष्ट कर दिया है कि यह सरकार व सेल मुख्यालय की तानाशाही है, जिसे कतई कंपनी में लागू नहीं होने दिया जाएगा। कारखाना अधिनियम के अनुसार जो व्यक्ति कंपनी में काम के लायक नहीं हैं, उन्हें वीआरएस दिया जा सकता है। जहां तक मामला भ्रष्टाचार का है तो कारखाना अधिनियम के तहत मामले में दोषी पाए जाने वाले संयंत्रकर्मी को स्वयं ही प्रबंधन सेवा से बर्खास्त करने का अधिकार रखती है। इसमें केंद्र सरकार की कोई भूमिका नहीं होनी चाहिए।

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- वित्तीय हालात पर नियंत्रण के लिए हुआ निर्णय -

सेल में कर्मचारी-अधिकारियों का पे रिवीजन एक जनवरी 2017 से लंबित है, जिसे शीघ्र लागू करने की मांग पर एनजेसीएस व सेफी दोनों रेस में आ गए हैं। इससे कंपनी में काम करने वाले लगभग 70 हजार कर्मियों के लिए प्रबंधन को अपनी जेब ढीली करनी होगी, जिसके निदान के लिए जबरन सेवानिवृत्ति का रास्ता निकला जा रहा है। बताया जाता है की पे रिवीजन के लिए होने वाली आगामी बैठक में प्रबंधन एनजेसीएस व सेफी पदाधिकारियों से भी इस प्रस्ताव पर सहमति लेने का प्रयास करेगी। चूंकि वेतन पुनरीक्षण पर अंतिम फैसला कैबिनेट कमेटी को लेना है तो सम्मानजनक पे रिवीजन के लिए इस शर्त के साथ प्रबंधन यूनियन के साथ वार्ता कर सकती है। इधर योजना पर अमल के साथ कंपनी में नए कर्मियों के भर्ती की प्रक्रिया भी शुरू होने वाली है, जिससे मैनपावर पर संतुलन बनाया जा सकेगा।

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- जबरन सेवानिवृत्ति का क्या होगा आधार -

केंद्र सरकार के निर्देश पर इस्पात मंत्रालय सेल की पांच बड़ी इकाई बोकारो इस्पात संयंत्र, राउरकेला, भिलाई दुर्गापुर तथा इस्को-बर्नपुर इस्पात संयंत्र से दो हजार तो तो वही सेल की अन्य छोटी-मोटी इकाई से एक हजार कर्मियों को हटाने की योजना है। इस सूची में वैसे कामचोर अधिकारी-कर्मचारी शामिल होंगे, जिनकी आयु 50 वर्ष से ज्यादा हो गई है तथा जो किसी न किसी गंभीर मामले में घिरे हुए हों। मालूम हो की इससे पूर्व मंत्रालय सेल की वित्तीय माली हालत को देखते हुए कर्मियों को कंपनी से जबरन हटाने की तैयारी कर रही है।

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वर्जन:

सेल में जबरन सेवानिवृत्ति योजना को सेफी कतई लागू नहीं होनी देगी। विपरीत परिस्थिति के बावजूद संयंत्रकर्मियों ने कंपनी को घाटा से मुनाफे की राह पर लाकर खड़ा किया है। सरकार व प्रबंधन को इसमें विचार करने की जरूरत है।

विमल कुमार विशी

महासचिव, सेफी ।


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