बेरमो के 533 नवप्राथमिक विद्यालयों में लटका ताला
बेरमो : स्थायीकरण और समान काम के लिए समान वेतनमान की मांग पर आंदोलनरत पारा शिक्षकों
बेरमो : स्थायीकरण और समान काम के लिए समान वेतनमान की मांग पर आंदोलनरत पारा शिक्षकों की बेमियादी हड़ताल से बेरमो कोयलांचल के 533 नवप्राथमिक विद्यालयों पर ताला लग गया है। विभाग की ओर से सरकारी शिक्षकों को नव प्राथमिक विद्यालयों में अगले आदेश तक प्रतिनियुक्त रहने का फरमान जारी किया गया था लेकिन सुदूर गांव में पारा शिक्षकों ने ग्रामीणों के सहयोग से सरकारी शिक्षकों को बैरंग लौटा दिया। सोमवार को कई सरकारी शिक्षकों को संबंधित विद्यालय के सचिवों ने स्कूल की चाबी नहीं दी, जिससे विद्यालय संचालित नहीं हो पाएा। बेरमो अनुमंडल के चंद्रपुरा, नावाडीह, बेरमो, गोमिया, कसमार, जरीडीह अंचल में ऐसे 533 नव प्राथमिक विद्यालय हैं जो पारा शिक्षकों की ओर से संचालित होते हैं, इन सभी स्कूलों पर ताला लटके हुए हैं। पारा शिक्षकों ने राज्यभर में गिरफ्तारी के विरोध में मंगलवार से जेल भरो आंदोलन चलाने का निर्णय लिया है। एकीकृत पारा शिक्षक संघर्ष मोर्चा की ओर से इसके लिए सभी प्रखंडों में गिरफ्तारी देने की रणनीति तैयार की गई है। मोर्चा के जिला सचिव कालीचरण रवानी ने बताया कि जेल भरो आंदोलन के लिए सभी प्रखंड मुख्यालयों में तैयारी कर ली गई है।
मोर्चा का दावा है कि बेरमो कोयलांचल में एक हजार से अधिक पारा शिक्षकों की हड़ताल से बेरमो के 17 नव प्राथमिक विद्यालय, चंद्रपुरा के 52, कसमार के 103, नावाडीह प्रखंड के 123, गोमिया के 141, जरीडीह के 100 नव प्राथमिक विद्यालयों में ताला लटक गया है। हालांकि शिक्षा विभाग की ओर से वहां सरकारी शिक्षकों की प्रतिनियुक्त कर दी गई है लेकिन सरकारी शिक्षक वहां योगदान देने से कतरा रहे हैं। प्राथमिक शिक्षक संघ ने विभाग को स्पष्ट कर दिया है कि सुदूर गांवों में पारा शिक्षकों सहित ग्रामीणों के विरोध को देखते हुए यह संभव नहीं है। बहरहाल सरकार और पारा शिक्षकों की लड़ाई में गांव के नौनिहालों का भविष्य अंधकारमय हो रहा है। बेरमो के बीइइओ कैलाश मरांडी ने स्वीकार किया कि अधिकांश बंद विद्यालयों में सोमवार को सरकारी शिक्षकों ने योगदान नहीं दिया। इसकी रिपोर्ट जिला अधिकारी को दे दी गई है।
हड़ताल के कारण ज्ञान सेतु कार्यक्रम प्रभावित :
संस, सुरही बेरमो : पारा शिक्षकों की हड़ताल से नावाडीह प्रखंड में शिक्षा विभाग को ज्ञानसेतु कार्यक्रम प्रभावित हो गया है। इस कार्यक्रम के तहत विद्यालय के छात्र-छात्राओं को समूह में बांट कर शिक्षा देनी थी। इस दौरान कक्षा तीन से पांच वर्ग के छात्र-छात्राओं को निर्माण और लक्ष्य समूह में बांट कर शिक्षा दी जानी थी। जबकि कक्षा षष्ठम से अष्ठम के छात्र-छात्राओं को लक्ष्य, सुगम व सुबोध समूह में बांट कर शिक्षण कार्य से जोड़ा जाना था। पारा शिक्षकों की हड़ताल से उक्त कार्यक्रम स्थगित कर दिए गए हैं। अधिकांश विद्यालयों में पठन पाठन ठप है। स्कूल पहुंचने वाले बच्चों की संख्या में भी गिरावट आई हैं। कई स्कूली बच्चे तो जंगल में कंद मूल तोड़ने में व्यस्त हैं वहीं ग्रामीण क्षेत्रों में बच्चे धूप में खेलते नजर आ रहे हैं।
आरपार की लड़ाई के मूड में पारा शिक्षक : हड़ताली पारा शिक्षक को सरकार ने एक ओर 20 नवंबर तक अपने अपने विद्यालय में हर हाल में योगदान देने का सख्त निर्देश दिया है। साथ ही यह चेतावनी भी दी है कि योगदान नहीं देने पर पारा शिक्षक को बर्खास्त कर नई नियुक्ति की जाएगी। किन्तु सरकार के इस फरमान का असर पारा शिक्षकों पर नहीं दिख रहा है। पारा शिक्षक संघ के नावाडीह प्रखंड अध्यक्ष हरि प्रसाद तुरी ने 20 नवंबर को सामूहिक गिरफ्तारी दी जाएगी।