Move to Jagran APP

मानदेय व भत्ता लंबित रहने से पंसस परेशान

संवाद सहयोगी सुरही (बेरमो) मानदेय व भत्ता लंबित रहने से नावाडीह प्रखंड के तमाम पंसस यान

By JagranEdited By: Published: Sun, 01 Mar 2020 09:20 PM (IST)Updated: Sun, 01 Mar 2020 09:20 PM (IST)
मानदेय व भत्ता लंबित रहने से पंसस परेशान
मानदेय व भत्ता लंबित रहने से पंसस परेशान

संवाद सहयोगी, सुरही (बेरमो) : मानदेय व भत्ता लंबित रहने से नावाडीह प्रखंड के तमाम पंसस यानी पंचायत समिति सदस्य परेशान हैं। यहां के पंससों में मेघनाथ तुरी, फजले हक, धनेश्वरी देवी, किरण देवी आदि ने बताया कि पंचायत चुनाव हुए चार वर्ष बीत चुके हैं, लेकिन उन सबको अबतक मात्र 17 माह का ही मानदेय मिल पाया है। शेष माह का मानदेय नहीं मिलने के कारण काफी दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2015 के दिसंबर माह में पंचायत चुनाव के क्रम में नावाडीह प्रखंड की पंचायतों में 24 मुखिया, 28 पंसस, तीन जिप सदस्य व कई वार्ड सदस्य निर्वाचित हुए। पंचायत समिति सदस्यों को सरकार की ओर से निर्धारित मानदेय नसीब नहीं हो पा रहा है। साथ ही विभिन्न बैठकों व कार्यक्रमों में हिस्सा लेने पर मिलने वाली भत्ता भी उन्हें अबतक प्राप्त नहीं हो पाई है। प्रखंड मुख्यालय से अप्रैल 2016 से अगस्त 2017 तक (कुल 17 माह) का ही मानदेय मिल पाया है। समय पर मानदेय व भत्ता भुगतान नहीं होने के कारण सभी पंसस को काफी दिक्कत हो रही है।

loksabha election banner

इस संबंध में पूछे जाने पर नावाडीह के बीडीओ पीसी दास का कहना है कि पूर्व में सभी पंसस को सौ फीसद मानदेय जिला से प्राप्त होता था। बाद में उनके मानदेय की 50 फीसद राशि आंतरिक स्त्रोतों की आय से भुगतान करने का निर्देश सरकार की ओर से प्राप्त हुआ। जबकि यहां की पंचायतों में आंतरिक स्त्रोतों से आय शून्य है, जिसके कारण पंसस को मानदेय भुगतान किया जाना संभव नहीं हो पा रहा है। टीए/डीए के मद में लगभग 2.40 लाख रुपये प्राप्त हुए हैं। उस रुपये से बैठकों व कार्यक्रमों में भाग लेने के खर्च का वाउचर जमा करने के बाद सभी पंसस के बैंक खाते में राशि स्थानांतरित कर दी जाएगी।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.