बोकारो पहुंची ऑक्सीजन एक्सप्रेस तीन टैंकर में 60 टन ऑक्सीजन जाएगा यूपी
बोकारो कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच मेडिकल ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए
बोकारो : कोरोना के बढ़ते संक्रमण के बीच मेडिकल ऑक्सीजन की मांग को पूरा करने के लिए गुरुवार की देर रात लखनऊ से चली ऑक्सीजन एक्सप्रेस 11.30 बजे बोकारो पहुंची। रेलवे बैगन पर रखे गए तीन गैस टैंकरों को उतरा गया और गैस रिफिल करने के लिए बोकारो स्टील प्लांट भेज दिया गया। यहां से रिफिल होने के बाद शुक्रवार को टैंकर लखनऊ के लिए रवाना होगा। चूंकि, बोकारो में आक्सीजन की कोई कमी नहीं है । बीते तीन दिनों में जिन-जिन राज्यों ने मांगा उन्हें आक्सीजन की आपूर्ति हो रही है। अकेले बोकारो स्टील प्लांट प्रत्येक दिन रोज 90 टन तरल मेडिकल ऑक्सीजन देने को तैयार है। बोकारो से आक्सीजन बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र को भी भेजी जा रही है। यह आपूर्ति सेल की पार्टनर कंपनी आइनोक्स एयर प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड कर रही है। वर्तमान पूरे देश की निगाहें झारखंड के बोकारो पर आकर टिक गई है। यहां देश के यूपी, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल समेत कई बड़े राज्यों में ऑक्सीजन की आपूर्ति होती है। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल ने बुधवार की शाम ट्वीट कर उत्तर प्रदेश के लखनऊ से बोकारो और बोकारो से मध्य प्रदेश के लिए ऑक्सीजन एक्सप्रेस चलाने की जानकारी दी थी । ताकि संकट का सामना किया जा सके।
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ऑक्सीजन एक्सप्रेस से अधिक आक्सीजन जा चुका है सड़क मार्ग से : हालांकि टैंकर को लोडकर चलने वाले बैगन की तलाश में रेलवे को देरी हो गई। इस बीच लगभग 270 एमटी तरल आक्सीजन सड़क मार्ग से उत्तर प्रदेश पहुंच गया है। बुधवार 21 अप्रैल को 115 टन यानि 6 टैंकर बोकारो से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों को भेजा गया। इसमें से 100 टन रिफिल करने वाले कारखानों को दिया गया तो 16 टन मेडिकल कॉलेज को भेजा गया। संभावना है कि आने वाले एक सप्ताह में सेल अपना उत्पादन बढ़ाते हुए कम से कम उत्तर प्रदेश व बिहार की जरूरतों को पूरा करने की दिशा में काम करेगा। चूंकि ट्रेन से टैंकर लाना और फिर वापस भेजने की प्रक्रिया थोड़ी जटिल होने के साथ लंबी हो रही है। सड़क मार्ग से भी उतना ही समय लगता है जितना कि रेल मार्ग से लगना है।
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कोट :
तीन टैंकर आए हैं इसे रिफिल कर भेजा जा रहा है। बोकारो इस संकट के समय में देश के साथ है। झारखंड की जरूरत को पूरा करने के साथ बोकारो स्टील अन्य जहां भी जरूरत होगी वहां आक्सीजन देगा। इसके लिए प्रक्रिया को और सरल बनाया गया है।
मणिकांत धान, प्रमुख संचार