हिसीम जंगल में मिला युवती का कंकाल --कपड़े के आधार पर परिजनों ने किया दावा -- 3 जुलाई को प्रेमी ने फोन करके युवती को बुलाया था जंगल
संवाद सहयोगी कसमार/बहादुरपुर कसमार थाना क्षेत्र अंतर्गत हिसीम पंचायत के हिसीम बरवाजारा
संवाद सहयोगी, कसमार/बहादुरपुर : कसमार थाना क्षेत्र अंतर्गत हिसीम पंचायत के हिसीम बरवाजारा जंगल में रविवार देर शाम एक नर कंकाल मिला है। वहां से बरामद कपड़े व अन्य सामान के आधार पर जिलिगटोला निवासी सर्वेश्वर मांझी ने उसे अपनी गायब पुत्री सीतामुनी का कंकाल होने का दावा किया है। कंकाल का सिर अलग व शरीर अलग था। रविवार को गांव के ही देवशरण मांझी व श्यामलाल मांझी की नजर कंकाल पर पड़ी। इसके बाद उन लोंगों ने गायब की गायब युवती के पिता को इसकी सूचना दी। परिवार के सदस्य पहुंचे तो आसपास उनकी बेटी का कपड़ा मिला। इस आधार पर उन्होंने दावा किया कि यह उनकी बेटी का ही कंकाल है और उसकी हत्या भरत हांसदा नामक युवक ने कर दी है। पूरे मामले की सूचना पुलिस को दी गई।
पुलिस ने कंकाल को कब्जे में लेकर फॉरेंसिक जांच के लिए रांची भेज दिया है। चूंकि कपड़े के अलावा ऐसा कोई प्रमाण मिला है जिसके आधार पर कंकाल को सीतामुनी का कंकाल साबित किया जा सके। इस मामले में युवती के पिता ने पिता की लिखित शिकायत पर कसमार थाने में क भरत मांझी के खिलाफ मामला हत्या का मामला दर्ज किया गया है। कसमार थाना प्रभारी राजेंद्र चौधरी ने बताया कि ग्रामीणों की सूचना पर हिसीम जंगल से कंकाल बरामद हुआ है। कपड़े से युवती की पहचान सीता मुनि के रूप हुई है। वैज्ञानिक परिक्षण के लिए भेजा गया है।
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प्रेमी ने फोन कर युवती को बुलाया था : परिजनों के अनुसार युवती का प्रेम प्रसंग इसी थाना क्षेत्र के पोंडा गांव के एक शादीशुदा युवक भरत हांसदा से पिछले 3 सालों से चल रहा था। इस बात की जानकारी युवती के घरवालों को भी थी। भरत ने घरवालों को अपनी शादी की बात छुपाते हुए सीतामुनी से इसी साल मार्च में युवती के साथ शादी करने की बात कही थी। 3 जुलाई को भरत ने युवती को फोन कर जंगल की ओर बुलाया था, उस समय युवती के पिता सर्वेश्वर मांझी व माता गांव की सड़क पर मजदूरी करने गए हुए थे। घर आने के बाद पता चला कि सीतामुनी को उनके प्रेमी भरत हांसदा ने फोन कर भगा ले गया। लड़की के पिता ने बताया कि जब उस युवक द्वारा बेटी को घर से भगा लेने की बात सुनी तो दूसरे दिन लड़के के गांव आकर इसकी जानकारी ली। प्रलोभन देकर 3 जुलाई को बहला फुसलाकर घर से भगाकर उसकी हत्या कर दी गई।