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दिव्यांग दंपती को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

कथारा (बेरमो) पेटरवार प्रखंड के अंबाटोला निवासी महेंद्र कुमार मरांडी दोनों पैर से दि

By JagranEdited By: Published: Sat, 25 Jan 2020 05:33 PM (IST)Updated: Sat, 25 Jan 2020 05:33 PM (IST)
दिव्यांग दंपती को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ
दिव्यांग दंपती को नहीं मिल रहा सरकारी योजनाओं का लाभ

कथारा (बेरमो) : पेटरवार प्रखंड के अंबाटोला निवासी महेंद्र कुमार मरांडी दोनों पैर से दिव्यांग हैं। उनकी पत्नी सुन नहीं पातीं है। यह दिव्यांग दंपती किसी प्रकार जीविका चलाता है। दो पुत्र व एक पुत्री के लालन-पालन की जिम्मेवारी भी इस लाचार दंपती पर है। बच्चों की उम्र 11 साल से कम है। लिहाजा बच्चे भी अभी मजदूरी करने के लायक नहीं हैं। इस दिव्यांग दंपती को सरकार की किसी भी योजना का लाभ नहीं मिला है। यह मामला तंत्र की सरकारी योजनाओं के प्रति उदासीनता की बानगी पेश कर रहा है। सरकारी कारिदों की ओर से घर से बाहर खुले में शौच करने पर कार्रवाई का फरमान सुनाया जाता है और स्वच्छ मिशन भारत के तहत हर घर में शौचालय बनाने का वादा किया गया है। साथ ही प्रधानमंत्री आवास योजना से बेघरों को घर मुहैया कराने के दावे किए जाते हैं। वहीं इस दिव्यांग दंपती को सरकारी योजनाओं का लाभ दिलाने की बात सामने आती है तो नियम आड़े आ जाते हैं। मां-पिता और दो बहनों को दो जून की रोटी खिलाने के लिए अब उक्त दिव्यांग दंपती का एक नाबालिग पुत्र होटल में काम करने लगा है। इस संदर्भ में दिव्यांग महेंद्र ने कहा कि सरकारी वादे सिर्फ सुनने में ही अच्छे लगते हैं, उन्हें सरकार से अबतक किसी तरह का लाभ नहीं मिला है। अनेकों बार पंचायत प्रतिनिधियों के समक्ष अपनी समस्या को रखा, लेकिन सिर्फ आश्वासन ही मिला। पत्नी दिहाड़ी मजदूरी कर परिवार को पाल रही है। बच्चों को शिक्षा नहीं मिल पा रही है, नाबालिग पुत्र चाय-पकौड़ी के होटल में काम करता है। स्थानीय सासंद और विधायक से भी महेंद्र ने अपनी फरियाद सुनाई लेकिन कुछ भी नहीं हो पाया। महेंद्र मरांडी बचपन से ही दिव्यांग है। एक पैर है ही नहीं, वहीं दूसरा भी शरीर का भार उठाने में अक्षम है। दो लाठियों के सहारे ही महेंद्र दो-चार कदम चल-फिर पाता है। पत्नी मालती देवी सुन नहीं पातीं। परिवार की गाड़ी खींचने के लिए वह हर दिन अहले सुबह ही दिहाड़ी मजदूरी के लिए घर से निकल पड़ती हैं और शाम ढले घर लौटती हैं तो घर पर चूल्हा जलता है। वर्जन उक्त दिव्यांग दंपती को बीपीएल कोटा से खाद्यान्न दिया जा रहा है। शौचालय व आवास के लिए भी प्रखंड प्रशासन को प्रस्ताव भेजा गया है, वहीं बाल विकास परियोजना को दिव्यांगता पेंशन के लिए प्रतिवेदन दिया गया है, लेकिन अभी तक उसकी जांच-पड़ताल विभागीय स्तर से नहीं की गई है।

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- श्रीराम हेम्ब्रम, मुखिया, चांपी पंचायत

------------------------- चांपी पंचायत के अंबाटोला में दिव्यांग परिवार की ओर से पेंशन से संबंधित कोई आवेदन नहीं मिला है। संबंधित पर्यवेक्षिका से उनकी जांच कराकर पेंशन दिलाने का प्रयास किया जाएगा। साथ ही प्रखंड कार्यालय से प्रधानमंत्री आवास योजना की स्वीकृति दिलाने की भी कोशिश की जाएगी।

- अर्चना एक्का, सीडीपीओ, पेटरवार प्रखंड


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