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श्रम कानूनों में संशोधन बर्दाश्त नहीं

कथारा (बेरमो) श्रमिक संगठन सीटू की ओर से सोमवार को जारंगडीह स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में

By JagranEdited By: Published: Mon, 02 Mar 2020 08:27 PM (IST)Updated: Mon, 02 Mar 2020 08:27 PM (IST)
श्रम कानूनों में संशोधन बर्दाश्त नहीं
श्रम कानूनों में संशोधन बर्दाश्त नहीं

कथारा (बेरमो) : श्रमिक संगठन सीटू की ओर से सोमवार को जारंगडीह स्थित क्षेत्रीय कार्यालय में एकदिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया। इसमें झारखंड प्रदेश सीटू के कार्यकारी अध्यक्ष रामचंद्र ठाकुर ने कहा कि केंद्र सरकार श्रम कानूनों में संशोधन कर रही है। इसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। श्रम कानूनों में संशोधन मजदूरों को गुलाम बनाने की साजिश है। कहा कि संसद के पिछले मानसून सत्र में दो लेबर कोड ऑफ वेजेज बिल-2019 और ऑक्युपेशनल सेफ्टी हेल्थ एंड कंडीशन बिल पारित हो चुका है। राष्ट्रपति की सहमति प्राप्ति के बाद उसकी अधिसूचना जारी कर दी गई है। इस लेबर एक्ट के तहत घंटा के हिसाब से मजदूरी भुगतान करने और मात्र दो दिन का नोटिस देकर काम से हटाने का प्रावधान किया गया है। वहीं जुलाई-2019 में केंद्र सरकार ने नए न्यूनतम वेतन की घोषणा की है, जो मात्र 178 रुपये प्रतिदिन है। जबकि कम से कम 21 हजार रुपये प्रतिमाह वेतन की मांग के लिए श्रमिक संगठन के प्रतिनिधि संघर्ष कर रहे हैं।

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सीटू के झारखंड राज्य सचिव पीके विश्वास ने कहा कि अन्य दो लेबर बिल और स्पेशल सिक्योरिटी कोड बिल संसद के शीतकालीन सत्र में पेश किया गया है, जिसका उद्देश्य ट्रेड यूनियन के आंदोलनों पर पाबंदी लगाना है। कहा कि एक ओर सरकार सार्वजनिक प्रतिष्ठान पूंजीपतियों को सौंप रही है, दूसरी तरफ सरकार पूंजीपतियों को श्रम कानूनों में संशोधन कर मेहनतकशों का शोषण करने की छूट दे रही है। सेमिनार की अध्यक्षता जोनल सचिव एसबी सिंह दिनकर ने की। संचालन जारंगडीह शाखा सचिव मो. निजाम अंसारी ने किया। मौके पर कमलेश कुमार गुप्ता, मनोज पासवान, राजू चौधरी, गौतम राम, राजकुमार मल्लाह, भोला स्वर्णकार, बैजनाथ ठाकुर, गुलाम मुस्तफा, रामचंद्र सिंह, मो. मोहिउद्दीन, नबी हुसैन, मकसूद आलम, मो. क्यामुद्दीन, मो. तस्लीम, विनय कुमार, अरूप चटर्जी, मधु मुखर्जी, तपन गोस्वामी, सुरेश कुमार आदि उपस्थित थे।


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